TMBU : साजिश के तहत गायब हुई है कॉपी बिक्री की फाइल, सिंडिकेट सदस्य ने लगाए कई गंभीर आरोप

TMBU जांच कमेटी की हो चुकी है कई बैठकें। सिंडिकेट सदस्य के पूछे जाने पर प्रभारी कुलपति ने दी थी जानकारी। इसकी जांच फरवरी 2020 में ही शुरू हुई है लेकिन अब तक विश्वविद्यालय जांच को लेकर गंभीर नहीं है।

By Dilip Kumar shuklaEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 11:56 AM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 11:56 AM (IST)
TMBU : साजिश के तहत गायब हुई है कॉपी बिक्री की फाइल, सिंडिकेट सदस्य ने लगाए कई गंभीर आरोप
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में कॉपी बिक्री मामला।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। तिलकामांझी भगलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) से कॉपी बिक्री मामले की फाइल साजिश के तहत गायब की गई है। ताकि इससे संबंधित जांच पूरी नहीं हो सके। कॉपी बिक्री मामले की जांच फरवरी 2020 में ही शुरू हुई है, लेकिन अब तक विश्वविद्यालय जांच को लेकर गंभीर नहीं है। इसका अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि 11 माह बाद टीएमबीयू ने जांच पूरी नहीं होने के पीछे फाइल गायब होने का तर्क दिया है। वो भी तब जब सिंडिकेट की बैठक में एक सदस्य ने इस मुद्दे को उठाया। हालांकि प्रभारी कुलपति डॉ. संजय कुमार चौधरी ने फोटो कॉपी को आधार बनाकर आगे के जांच की बात कही है।

मिलीभगत से फाइल हुई है गायब

विश्वविद्यालय सूत्रों की मानें तो कॉपी बिक्री मामले से जुड़ी फाइल को साजिश के तहत एक कर्मी की मिलीभगत से गायब किया गया है। विश्वविद्यालय सूत्रों के मुताबिक इस प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई है। इस कारण फाइल को गायब कर दिया गया है। यदि फाइल की पूरी जांच होती है तो कईयों की गर्दन फंस सकती है। अब कमेटी के सामने इस बात की चुनौती है कि फाइल की फोटो कॉपी के आधार पर सही जांच कैसे करेगी।

बड़े मामलों में लापरवाह प्रशासन

विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामले को अब तक दबा कर रखा था। कमेटी की हाल ही में बैठक वित्त परामर्शी के कक्ष में हुई थी, लेकिन फाइल नहीं होने के कारण कोई जाचं आगे नहीं बढ़ सकी। इसके पहले भी कई बैठकों का दौरान चला। इस मसले पर तत्कालीन कुलसचिव अरुण कुमार सिंह से भी एक अधिकारी तानातानी हो गई थी। लेकिन जानकारी नहीं थी कि फाइल कहां हैं। फाइल को लेने देने में भी नियमों का हवाला दिया जा रहा था, किंतु फाइल थी ही नहीं तो देते कहां से।

क्या है मामला

पूर्व प्रभारी कुलपति प्रो. अवध किशोर राय के समय पुरानी कॉपियों की बिक्री हुई थी। बिक्री प्रक्रिया पर सीनेट सदस्य डॉ. मृत्युंजय सिंह गंगा ने सवाल उठा दिए थे। उन्होंने सीनेट की बैठक में भी प्रक्रिया को गलत बताते हुए जांच की मांग की थी। इसके बाद ही जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया था। जिसकी जांच अब तक लंबित पड़ी है।

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