टीएमबीयू प्रशासन की बढ़ी चुनौती, अब 40 फीसद होगी ऑनलाइन कक्षा, जानिए क्या है आगे की रणनीति

टीएमबीयू प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती आ गई है। यूजीसी ने अब 40 फीसद तक ऑनलाइन क्लास चलाने का निर्देश दिया है। ताकि विद्यार्थियों का सिलेबस ऑनलाइन ही आधे से ज्यादा पूरा हो सके। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण यह व्यवस्था की जा रही है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Fri, 09 Apr 2021 03:45 PM (IST) Updated:Fri, 09 Apr 2021 03:45 PM (IST)
टीएमबीयू प्रशासन की बढ़ी चुनौती, अब 40 फीसद होगी ऑनलाइन कक्षा, जानिए क्या है आगे की रणनीति
टीएमबीयू प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती आ गई है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) की ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर चुनौतियां बढऩे वाली हैं। दरअसल, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 25 फीसद ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था में बदलाव कर उसे कुल कक्षा का 40 फीसद कर दिया है। ताकि विद्यार्थियों का सिलेबस ऑनलाइन ही आधे से ज्यादा पूरा हो सके। यदि ऑफलाइन कक्षाएं बंद भी होती हैं तो ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी। इसके लिए सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश जारी कर दिया गया है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण यह व्यवस्था की जा रही है।

इसबार टीएमबीयू ने भी ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर पूर्व से ही कवायद शुरू कर दी थी। कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता के निर्देश पर सीसीडीसी डॉ. केएम सिंह ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया था। पिछली बार लॉकडाउन में नई व्यवस्था के कारण ऑनलाइन पढ़ाई में काफी समस्याएं आई थीं, जिसे इस बार दूर करने के प्रयास में विश्वविद्यालय है। इसके लिए पीजी विभागों को सात यूनिट में बांटा जाएगा। इतने ही सेंटर को जोड़ा जाएगा, जहां से छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई होगी। जबकि कॉलेज अपने स्तर से इसकी व्यवस्था करेंगे। चूंकि कॉलेज स्वतंत्र यूनिट है। साथ ही ज्यादातर कॉलेजों में कंप्यूटर, इंटरनेट की सुविधा और अन्य संसाधन उपलब्ध हैं।

छात्रों को भी होगी परेशानी

ऑनलाइन क्लास को लेकर विवि प्रशासन के साथ साथ छात्रों को भी परेशानी होगी। दरअसल, यहां पर ज्यादातर छात्र ग्रामीण पृष्टभूमि से आते हैं, ऐसे में उनके पास भी संसाधनों की कमी हो सकती है। वहीं, पिछले साल विवि प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे ऑनलाइन क्लास को लेकर कई छात्रों ने आपत्ति जताई थी। छात्रों का आरोप था कि विवि प्रशासन की ओर से ऑनलाइन क्लास के नाम पर केवल नोट्स उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही साथ अगर विवि में संसाधन की कमी को इस बार दूर कर लिया जाता है तो इस बार स्थिति में व्यापक सुधार हो सकती है।  

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