खगड़िया के इस युवक का हौसला बुलंद! नान ब्रेकेबल मेला माइन डिनर सेट उद्योग लगा सृजन किया रोजगार
कहते हैं यदि हौसला बुलंद हो तो किसी भी काम को पूरा किया जा सकता है। हर एक ख्वाब पूरे हो जाते हैं। कुछ ऐसे ही ख्वाबों को पूरा करने मायानगरी मुंबई से बिहार के खगड़िया आए अभिकेत ने जो उद्योग लगाया है उससे रोजगार की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
चंदन चौहान, जागरण संवाददाता, खगड़िया। एक युवा उद्यमी अभिकेत ने खगड़िया के छोटे से गांव पटेल नगर, भर्रा में नान ब्रेकेबल मेला माइन डिनर सेट उद्योग लगाया है। इसकी सहायता से सात नदियों से घिरे खगड़िया जिले में औद्योगिक वातावरण तैयार करने में बल मिलेगा। इस प्लांट में तैयार चीनी मिट्टी के प्लेट, कटोरी आदि कई बार फर्श पर गिरने से भी टूटती नहीं हैं। इस फैक्ट्री की एक दिन में पांच हजार कप प्लेट तैयार करने की क्षमता है। प्रत्येक पांच मिनट पर एक सेट बनकर तैयार हो जाता है। इस फैक्ट्री में अभी दो दर्जन से अधिक लोग काम कर रहे हैं।
मायानगरी से वापस ले आया गांव का मोह
अभिकेत ने मायानगरी मुंबई से पढ़ाई-लिखाई की। उन्होंने साफ्ट वेयर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। लेकिन, मायानगरी की माया में न फंसकर अपनी मिट्टी-पानी में रोजी-रोजगार को ठानी। और अपने गांव पकरैल पंचायत की पटेल नगर, भर्रा आ गए। यहां डेढ़ करोड़ की लागत से नान ब्रेकेबल मेला माइन डिनर सेट उद्योग स्थापित किया। बकौल अभिकेत यह प्लांट बिहार का पहला प्लांट है। अभिकेत के सपने को उनके पिता केदार प्रसाद सिंह ने भी बल प्रदान किया है। पिता के सहयोग से अभिकेत के सपने को पंख लगे हैं। जिले के युवा उद्यमी राकेश कुमार सिंह कहते हैं- यह बढ़िया संकेत हैं। पढ़े-लिखे लोग गांवों को लौटकर उद्योग-धंधे लगा रहे हैं। धीरे-धीरे ही सही खगड़िया में औद्योगिक वातावरण का निर्माण हो रहा है।
'मेरा मुख्य उद्देश्य गांव को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है। जो राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी सपना है। छोटे-छोटे उद्योग खड़े कर ही उद्योगों का जाल बिछेगा और फरकिया का विकास होगा। बेरोजगारी दूर होगी।'-अभिकेत, युवा उद्यमी, खगड़िया।
बहरहाल, जो कुछ भी हो अभिकेत के उठाए गए इस कदम के बाद युवाओं को आत्मनिर्भरता की सीख भी मिलती हुई दिखाई दे रही है। खगड़िया में अभिकेत का प्रयास सराहनीय है। लोग उनकी प्रशंसा भी कर रहे हैं।