महिलाओं के लिए सेफ नहीं है कोसी और सीमांचल का यह शहर, कदम-कदम पर उचक्कों का 'पहरा'
कोसी और सीमांचल का शहर महिलाओं के लिए सेफ जोन नहीं है। यहां पर लूट और छिनतई की लगातार घटनाएंं हो रही हैं। अकेले पूर्णिया शहर में साल भर के अंदर सौ से अधिक वारदात हो चुके हैं। लेकिन इसके बाद भी...!
पूर्णिया [प्रकाश वत्स]। झुमका, कनबाली के साथ गले की हार महिलाओं के लिए आफत बन रही है। आभूषण से महिलाओं के अटूट प्रेम उचक्कों की काली नजर लग गई है। शहर के विभिन्न थाना क्षेत्रों में हर दूसरे या तीसरे दिन कोई न कोई महिला उचक्कों की शिकार हो रही है। गत एक साल के दौरान ऐसी सौ से अधिक घटनाएं शहर में घट चुकी है। लगातार घट रही घटनाओं के चलते महिलाओं के लिए जेवरात पहन घर से निकलना मुश्किल हो गया है।
मार्निंग वाक, मंदिर आने-जाने के रास्तों से लेकर बाजार में घट रही घटनाएं
महज दो दिन पूर्व खजांची हाट थाना क्षेत्र के ध्रुव उद्यान के समीप ललिता देवी के गले से उचक्कों ने लगभग 22 ग्राम के सोने के जेवरात उड़ा लिया था। ललिता देवी घर से मार्निंग वाक के लिए निकली थी। मार्निंग वाक के दौरान उचक्कों की शिकार बनी ललिता देवी इकलौती महिला नहीं है। लगभग 25 फीसदी घटनाएं मार्निंग वाक के दौरान ही हो रही है।
अल सुबह सड़क पर भीड़-भाड़ कम रहने व पुलिस की गश्ती भी नगण्य रहने से उचक्के आराम से वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाता है। इसी तरह मंदिर आने-जाने वाले रास्तों पर भी उचक्कों द्वारा महिलाओं के आभूषण उड़ाने की वारदात को अंजाम दिया जाता है। मंदिर के आसपास ऐसे तत्व मंडराते रहते हैं और मौका लगते ही घटना को अंजाम दे देते हैं। इसके अलावा सब्जी मंडी सहित मुख्य बाजार से निकलने वाले रास्तों पर भी इस तरह की वारदात हो रही है।
पचास फीसदी घटनाओं की दर्ज नहीं होती है शिकायत
महिलाओं के साथ आभूषण छिनतई की होने वाली 50 फीसदी वारदात की शिकायत थाना तक भी नहीं पहुंच पाती है। ऐसे मामलों का उदभेदन प्राय: नहीं होने व फिर पुलिस व कचहरी के चक्कर से बचने के लिए अधिकांश पीडि़त महिला व उनके स्वजन थाना में शिकायत करने से परहेज कर लेते हैं। इस कारण उचक्कों का हौसला लगातार बढ़ता जा रहा है।
आभूषण महिलाओं का श्रृंगार, वारदात पर लगना चाहिए अंकुश
शहर की श्वेता देवी, गायत्री देवी, सरिता देवी, नूतन देवी व सावित्री देवी ने कहा कि वर्तमान स्थिति यह हो गई है कि महिलाएं आभूषण रहते आभूषण पहनने से परहेज कर रही है। आभूषण महिलाओं का श्रृंगार है। इतना ही नहीं कोई विशेष गहना पति अथवा माता-पिता या फिर किसी अन्य हितैषी के स्तर से मिलने के कारण उन गहनों से महिला को विशेष प्रेम होता है। ऐसे गहनों को लूट जाने से उनके दिल को भी आघात पहुंचता है। उन्होंने कहा कि शहर में ऐसी वारदात पर अंकुश के लिए निश्चित रुप से ठोस कदम उठाया जाना चाहिए।
महिलाओं के जेवरात उड़ाने वाले उचक्कों की पहचान व गिरफ्तारी को लेकर बृहद कार्ययोजना पर पुलिस कार्य कर रही है। स्मैक के आदी युवा सहित कुछ खास गिरोह की ऐसी घटनाओं में संलिप्तता की बात सामने आई है। जल्द ही ऐसी घटनाओं पर पूर्ण अंकुश लगेगा। -एस के सरोज, अनुमंडल पुलिस अधिकारी, सदर।