भागलपुर के रैन बसेरा में जनसुविधा बेहाल, बदहाली में लोगों की गुजर रही रात, जर्जर छत दे रहा हादसे को आमंत्रण

भागलपुर के रैन बसेरा में जनसुव‍िधा बेहाल है। यहां पर किसी तरह लोग रात गुजार रहे हैं। जर्जर छत हादसे को आमंत्रण दे रहा है। कई बार इसकी शिकायत भी की गई है लेकिन इस पर ध्‍यान नहीं दिया जा रहा है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 12:03 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 12:03 PM (IST)
भागलपुर के रैन बसेरा में जनसुविधा बेहाल, बदहाली में लोगों की गुजर रही रात, जर्जर छत दे रहा हादसे को आमंत्रण
भागलपुर के रैन बसेरा में जनसुव‍िधा बेहाल है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। शहरी क्षेत्र में राहगीरों के रात्रि विश्राम के लिए नगर निगम ने छह रैन बसेरे हैं, लेकिन निगम ने उन्हें अब तक रहने लायक नहीं बनाया है। यहां ठहरने वाले राहगीरों की सुकून वाली नींद नहीं आती है। बिस्तर पर लेटने पर रैन बसेरा की जर्जर छत से मलबा गिरने की आशंका बनी रहती है। ऐसे में लोगों की नींदें उड़ जा रही हैं।

राधा रानी सिन्हा रोड स्थित रैन बसेरा की छत जर्जर हो चुकी है। छत की सीङ्क्षलग का मलबा गिरने लगा है। आए दिन मलबा गिरता रहता है। जिसकी मरम्मत तक निगम ने नहीं कराई। दो वर्ष पूर्व तत्कालीन नगर आयुक्त श्याम बिहारी मीणा ने मरम्मत के लिए प्राक्कलन भी तैयार करवाया था, लेकिन उनके स्थानांतरण के बाद योजना भी रद्दी की टोकरी में फेंक दी गई।

बहरहाल कुछ रैन बसेरा की छत इतनी जर्जर है कि कभी भी गिर सकती है। कहीं-कहीं तो रैन बसेरा में महीनों से सफाई नहीं हुई है। किसी का ताला भी नहीं खुला। बेसहारा व गरीब सर्द रात में सड़क पर सोने को विवश हैं। निगम द्वारा नाथनगर, राधा रानी सिन्हा रोड, कटहलबाड़ी, खंजरपुर भारत माता चौक, बरारी के साथ नगर निगम गोदाम में रैन बसेरा की सुविधा है।

बेडशीट की धुलाई नहीं, केयर टेकर का भुगतान भी अटका

रैन बेसरा में चौकी पर बिछाई गई बेडशीट की 15 दिनों से धुलाई तक नहीं हुई है। कोरोना संक्रमण के दौर में एक ही बेडशीट कई राहगीर उपयोग कर रहे हैं। वहीं, रैन बसेरा में जरूरतमंदों को भोजन की व्यवस्था निगम को करना है। इसकी सुविधा लोगों को नहीं मिल रही है, जबकि नगर विकास एवं आवास विभाग ने 30 अक्टूबर तक रैन बसेरा में सारी सुविधा बहाल करने का निर्देश दिया था। बावजूद 16 केयर टेकर व मैनेजर को प्रतिमाह मिलने वाला चार हजार रुपये का मानदेय भी अप्रैल माह से निगम ने भुगतान नहीं किया है।

अभी तक निगम ने सभी रैन बसेरा में सीसीटीवी लगाया, लेकिन तीन रैन बसेरा की खिड़कियों में जाली अ ब तक नहीं लगाया।

मरीजों के स्वजनों को नहीं मिला अस्थायी रैन बसेरा

मायागंज स्थित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती मरीजों के स्वजनों के रात्रि विश्राम की व्यवस्था नहीं है। यहां नगर निगम पिछले दो वर्ष से अस्थायी रैन बसेरा का निर्माण करता रहा है। इसमें 40 से अधिक लोग विश्राम करते हैं, लेकिन इस बार इनके लिए निगम द्वारा अस्थायी रैन बसेरा की व्यवस्था नहीं की गई है। इससे अस्पताल के बाहर फुटपाथ पर लोगों को रात गुजारनी पड़ रही है। अस्पताल के समीप नगर निगम का रैन बसेरा भवन भी है, लेकिन आठ वर्ष से भवन का छत ढह रही है। इसकी मरम्मत तक नहीं हुई। जर्जर भवन में दुकानें संचालित हो रही हैं।

कोतवाली चौक रैन बसेरा बंद, जीर्णोद्धार कार्य ठप

कोतवाली थाना के निकट एक रैन बसेरा को गत वर्ष से जीर्णोद्धार कार्य के लिए बंद रखा गया है। इसमें निर्माण सामग्री रखी तो गई है पर कार्य अब तक शुरू नहीं हुआ। इससे राहगीरों को लाभ नहीं मिल पा रहा। वहीं तातारपुर रैन बसेरा में 50 बेड की सुविधा है। यहां तीन मंजिले भवन के ग्राउंड तल पर दिव्यांग के विश्राम की व्यवस्था है, लेकिन निगम ने दिव्यांगों के ग्राउंड तल में कूड़ेदान का भंडारण कर रखा है। इससे दिव्यांगों को प्रथम तल पर जाने को सीढिय़ों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। शौचालय व दीवार के प्लास्टर उखड़ गये हैं, जैसे यह वर्षों पुराना भवन हो। रैन बसेरा के ग्राउंड फ्लोर को चूना व ब्लीङ्क्षचग रखने का गोदाम बना दिया है। 

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