बरियारपुर मुंगेर में सिंचाई की सुविधा नहीं, अनाज की पैदावार पर आफत, किसानों ने बयां किया अपना दुख

मुंगेर के बरियारपुर में सिंचाई की सुविधा नहीं है। इससे अनाज की पैदावार में आफत की घड़ी आन पड़ी है। पूरे वर्ष में एक फसल लगाने को मजबूर हैं प्रखंड के किसान। किसान लगातार कर रहे मांग सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा।

By Shivam BajpaiEdited By: Publish:Fri, 12 Nov 2021 12:54 PM (IST) Updated:Fri, 12 Nov 2021 12:54 PM (IST)
बरियारपुर मुंगेर में सिंचाई की सुविधा नहीं, अनाज की पैदावार पर आफत, किसानों ने बयां किया अपना दुख
किसान एक ही फसल पर कब तक रहें आश्रित?

संवाद सूत्र, बरियारपुर (मुंगेर): प्रखंड के चौड़ क्षेत्र में ङ्क्षसचाई की बेहतर सुविधा नहीं होने से किसानों की मुश्किलें बढ़ गई है। चौड़ क्षेत्र के किसान पूरे वर्ष में महज एक फसल लगाने को विवश हैं। कई बार किसानों ने जनप्रतिनिधियों को सिंचाई की व्यवस्था उपलब्ध कराने की मांग की। किसानों को हर बार आश्वासन मिला, लेकिन ङ्क्षसचाई की सुविधा उपलब्ध नहीं हो सका। चौड़ क्षेत्र होकर मणि ,महाने नदी व जलकुंड जलाशय का पानी गुजरती है, पर इन नदियों के जल को रोककर सिंचाई के उपयोग में लाने के लिए कोई प्रयास आज तक नहीं किया गया है। जिससे क्षेत्र के किसान उपजाऊ भूमि रहने के बावजूद भी मात्र एक फसल लगा कर अपना जीवन यापन करने को मजबूर हैं। किसानों का कहना है कि अगर सरकार चौड़ क्षेत्र में सिंचाई की व्यवस्था उपलब्ध करा दें तो किसान जिले को दलहन, तिलहन के अलावे गेहूं व अन्य खाद्यान्नों में आत्मनिर्भर बना सकते हैं।

छिलका का निर्माण होने से किसानों को होगा लाभ

किसानों का कहना है कि हर वर्ष चौड़ क्षेत्र होकर बहने वाली नदियों में बाढ़ के कारण खेत वर्ष में तीन माह डूबा रहता है। सरकार इन नदियों से बहने वाली जल को रोककर जगह-जगह छिलका (छोटी पुलिया) का निर्माण करा कर दे तो किसानों को काफी लाभ मिलेगा। हालांकि, सरकार की ओर से ङ्क्षसचाई के लिए चौड़ क्षेत्र में बिजली के पोल तार खींचे गए हैं, लेकिन जब बोरिंग ही नहीं है तो किसान बिजली के पोल तार और लाइन से कौन सा उपयोग करेंगे। चौड़ क्षेत्र में 20000 हेक्टेयर से ज्यादा खेती योग्य जमीन है। इन खेतों पर प्रखंड के छह पंचायतों के कई गांव के लोग खेती करते हैं। साल में एक बार सिर्फ दलहन की उपज किसान खेत से प्राप्त करते हैं।

-20 हजार से ज्यादा हेक्टयर खेत है चौड़ क्षेत्र में -06 पंचायत के कई गांवों के किसानों को होगा लाभ -03 माह पानी में डूबा रहता है खेती योग्य भूमि

किसानों की सुनें

किसान अनिल सिंह ने कहा कि पूर्व विधायक ने अभियंता व विशेषज्ञ की टीम की ओर से सर्वेक्षण कराया था। जल्द ही सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने की बात कही, लेकिन परिणाम कुछ नहीं निकला। अगर सिंचाई के साधन उपलब्ध हो जाते तो किसानों की विपन्नता खत्म हो जाती। किसान दीपक सिंह ने कहा कि क्षेत्र के किसानों को सरकार अनुदान पर बोरिंग कराने की व्यवस्था करें तो किसान को सिंचाई का साधन मिल सकता है। किसान साल में दो फसल आसानी से उगाकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकते हैं। किसान पंकज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसानों की आय दुगुनी करने के सपनों को पुरा करने के लिए सिंचाई की व्यवस्था करना आवश्यक है। अगर किसानों को रियायती दर पर बोरिंग व बिजली मिले तो किसान खुशहाल हो सकते हैं।

chat bot
आपका साथी