प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली कई आयुर्वेदिक दवाओं की बाजार में किल्लत, जानिए क्या है स्थिति

भागलपुर में कोरोना संक्रमण का मामला तेजी से बढ़ता जा रहा है। ऐसे में बाजार में लोगों को प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक दवाओं की कमी का भी सामना करना पड़ रहा है। वहीं कुछ दुकानदार मनमानी कीमत वसूल रहे हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 11:50 AM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 11:50 AM (IST)
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली कई आयुर्वेदिक दवाओं की बाजार में किल्लत, जानिए क्या है स्थिति
भागलपुर में कोरोना संक्रमण का मामला तेजी से बढ़ता जा रहा है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। कोरोना मरीजों को स्वस्थ करने में कई आयुर्वेदिक दवाओं की कमी हो गई है। गत वर्ष कोरोनाकाल में भी दवाएं का अभाव हो गया था। वहीं जिन कोरोना मरीजों की हालत गंभीर हो गई है उन्हें रेमडीसीविर सूई देना अनिवार्य है, लेकिन सूई गत दो सप्ताह से स्टॉक में नहीं है। बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के सचिव ने सूई की आपूर्ति करने की मांग दवा कंपनियों से की है। वहीं औषधि निरीक्षक ने कंपनी से भी बात कर सूई उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है।

आयुर्वेद चिकित्सक नीरज कुमार गुप्ता ने कहा कि कोरोनील दवा कोरोना मरीजों के लिए रामबाण साबित हो रही है। लेकिन गत एक सप्ताह से दवा की कमी है। वहीं गिलोय रस, गिलोय घनबटी, आयुष क्वाथ दवाएं भी नहीं मिल रहीं हैं। दवा आपूर्ति के लिए कहा गया है, लेकिन साधन के अभाव में दवा की आपूर्ति नहीं हो रही है। गत वर्ष भी इन दवाओं की कमी हो गई थी। गत वर्ष सुदर्शन घनबटी, गिलोय घनबटी, गिलोय रस, नीम रस, तुलसी रस, वासावालेह अगस्त्य हरीतकी, सितलोपलादि चूर्ण आदि दवाओं की बिक्री तकरीबन 50 से 60 लाख रुपये की हुई थी। वहीं आयुर्वेदिक दवा के संचालक प्रभाष गुप्ता ने कहा कि गिलोय बटी, तुलसी वटी दवाएं उपलब्ध हैं।

कोरोना मरीजों के लिए कारगर है रेमडीसीविर सूई

कोरोना मरीजों को स्वस्थ होने में रेमडीसीविर सूई कारगर माना जाता है। लेकिन पिछले दो सप्ताह से जिला में सूई का अभाव है। जिला केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष घनश्याम दास कोटरीवाल ने कहा कि सूई राज्य में नहीं है। बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के सचिव अमित मुखर्जी ने दवा कंपनियों को 14 अप्रैल को पत्र देकर सूई उपलब्ध करवाने की मांग की है। पत्र में कहा गया है कि राज्य भर में सूई की किल्लत हो गई है। वहीं औषधि निरीक्षक दयानंद प्रसाद ने कहा है कि जिला में सूई की किल्लत हो गई है। दवा कंपनी से सूई की कमी को दूर करने की अपील की गई है। जेएलएनएमसीएच के सह प्राध्यापक डॉ. राजकमल चौधरी ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रभाव को 40 फीसद कम करने में सूई सहायक है।  

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