प्रखंड कार्यायल में काम का तुरंत होगा निपटारा, भागलपुर में सभी ब्लाक में तैनात होंगे डाटा इंट्री आपरेटर

भागलपुर के प्रखंड कार्यालयों में काम का तुरंत निपटारा होगा। इसके लिए सभी ब्लाक में डाटा इंट्री आपरेटर की नियुक्ति की जाएगी। साथ ही अंचलों में अमीनों की कमी दूर करने के लिए करीब 487 संविदा पर अमीनों की बहाली की गई है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 08:28 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 08:28 PM (IST)
प्रखंड कार्यायल में काम का तुरंत होगा निपटारा, भागलपुर में सभी ब्लाक में तैनात होंगे डाटा इंट्री आपरेटर
भागलपुर के प्रखंड कार्यालयों में काम का तुरंत निपटारा होगा।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। जिले के सभी अंचलों में डाटा इंट्री आपरेटर तैनात होंगे। बेल्ट्रान ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को 534 डाटा इंट्री आपरेटरों की सेवा प्रदान कर दी है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री रामसूरत कुमार ने बताया कि मंगलवार को पटना के ज्ञान भवन में डाटा इंट्री आपरेटरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद आपरेटरों को अंचल एलाट कर दिया जाएगा। डाटा आपरेटरों के तैनात होने के बाद अंचलों में बहुत सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी। अंचलों में अमीनों की कमी दूर करने के लिए करीब 487 संविदा पर अमीनों की बहाली की गई है। उन्हें ज्ञान भवन पटना में प्रशिक्षण देकर अंचलों में भेजा गया है। विशेष परीक्षा में टाप करने वाले अमीन प्रेमशंकर कुमार को 51 सौ रुपये का पुरस्कार दिया गया है।

-सभी अंचलों में तैनात होंगे डाटा इंट्री आपरेटर

-बेलट्रान से राजस्व व भूमि सुधार विभाग को मिले 534 आपरेटर

-आज ज्ञान भवन पटना में विभाग की ओर से दिया जाएगा प्रशिक्षण

उन्होंने बताया कि कोरोना की वजह से सैरात बंदोबस्ती में नुकसान उठाने वाले बंदोबस्तधारियों को वित्तीय नुकसान से राहत देने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। जमीन मालिक को जल्द ही ई-मापी की सौगात दी जाएगी। ई-मापी में रैयत को मापी के लिए आनलाइन आवेदन की सुविधा दी जाएगी।

अंचल कार्यालय जाकर आवेदन देने की जरूरत नहीं रहेगी। भूमि विवादों की सही तस्वीर प्राप्त करने के लिए चौकीदारों की सेवा ली जा रही है। लघु व आर्थिक अपराध के मामले भी इक्_ा किए जा रहे हैं। सभी चौकीदारों को भूमि विवादों के बारे में जानकारी विहित प्रपत्र-3 में भरकर प्रत्येक शनिवार को अंचल अधिकारी उपलब्ध कराना है। भू-सर्वेक्षण के बाद चकबंदी की तैयारी में तेजी आई है।

चकबंदी के काम में आइआइटी रूड़की की मदद ली जाएगी। चक बिहार साफ्टवेयर विकसित किया गया है। इसके इस्तेमाल से चकबंदी के काम में मानवीय हस्तक्षेप काफी कम हो जाएगा। चकबंदी से संबंधित अभिलेखों और दस्तावेजों के डिजिटाइजेशन और स्कैनिंग का काम भी जल्द शुरू हो जाएगा। इसके लिए एजेंसी का चयन कर लिया गया है।  

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