बढऩे लगा गंगा का जलस्तर, मुंगेर में तटवर्ती इलाके में रहने वाले लोगों की बढ़ी परेशानी, धरहरा में सबसे अधिक खतरा

गांगा का जलस्‍तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। सबसे अधिक परेशानी तटवर्ती इलाके के लोगों को होती है। मुंगेर के धराहार प्रखंड की तीन पंचायतों में बाढ़ को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया हैै।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 05:47 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 05:47 PM (IST)
बढऩे लगा गंगा का जलस्तर, मुंगेर में तटवर्ती इलाके में रहने वाले लोगों की बढ़ी परेशानी, धरहरा में सबसे अधिक खतरा
गांगा का जलस्‍तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।

 संवाद सूत्र हेमजापुर(मुंगेर)। पिछले कुछ दिनों से गंगा नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। वही गंगा नदी के जल स्तर में वृद्धि होने के साथ ही गंगा तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों की भी ङ्क्षचताएं बढऩे लगी है। इसकी बड़ी वजह है बाढ़। यहां के निवासी हर साल बाढ़ का खौफनाक मंजर महसूस करते आ रहे हैं। हर साल बाढ़ जैसी आपदा में इनका बहुत बड़ा नुकसान होता है। धरहरा प्रखंड क्षेत्र के हेमजापुर, बाहाचौकी और शिवकुंड पंचायत क्षेत्र हर वर्ष बाढ़ की विभीषिका झेलने पर विवश है। इधर गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी को लेकर बाढ़ की त्रासदी का वह मंजर याद कर तीनों पंचायत क्षेत्र की जनता सिहर उठते हैं। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि वह किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।

हेमजापुर ओपी क्षेत्र सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित

हेमजापुर ओपी क्षेत्र के उक्त तीन पंचायत बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित होते हैं। बाहाचौकी, शिवकुंड और हेमजापुर पंचायत की कुल आबादी तीस हजार के आसपास है। तीनों पंचायत का लगभग पूरा भाग बाढ के दिनों में जलमय हो जाता है। उक्त तीनों पंचायतों के बगल से सटकर गंगा नदी बहती है। गंगा नदी तब और भी रूद्र रूप धारण कर लेती है जब लखीसराय जिले से आकर क्यूल नदी हेमजापुर के समीप आकर गंगा से मिल जाती है। अब जगह जगह जिओ बैग के डाले जाने से कटाव भले थोड़ा कम होता है। लेकिन जब गंगा का पानी गांव में प्रवेश करता है तो यहां के निवासियों का जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो जाता है। लोगों को एनएच 80 और ऊंची जगहों का सहारा लेना पड़ता है।

बढ़ रहा है गंगा नदी का जलस्तर

लगातार पिछले दो दिनों से गंगा नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। गंगा नदी का पानी सुरक्षा बांध के समीप पहुंच चुकी है। गुरुवार को गंगा नदी के जलस्तर में दो सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई थी। लगातार बढ़ रहे गंगा नदी के जलस्तर को देखते हुए पशुपालक अपने अपने पशुओं को लेकर उचित जगहों की तलाश में जुट चुके हैं। संभावित बाढ़ को लेकर सर्वाधिक ङ्क्षचता क्षेत्र के नागरिकों के साथ-साथ किसानों में भी देखी जा रही है। जिनके दियारा की फसल हर साल बाढ़ में डूब जाती है।

कहते हैं क्षेत्र के मछुआरे

तीनों पंचायत क्षेत्र के मछुआरों ने शुक्रवार को बताया कि लगातार गंगा नदी के जल स्तर में वृद्धि हो रही है। जलस्तर बढऩे से एक बार फिर उन लोगों के समक्ष बाढ़ और आजीविका का संकट उत्पन्न होने की आशंका है। मछुआरों में महेंद्र सहनी, जागो सहनी, दिनेश सहनी, प्रवेश सहनी ने बताया की बाढ़ का मौसम आते ही उन लोगों को गंगा नदी में शिकार माही पर रोक लगा दी जाती है। जिससे उन लोगों के समक्ष आजीविका का संकट उत्पन्न हो जाता है। इस स्थिति में उन लोगों को तीन माह तक बेरोजगारी भत्ता मिलना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो पाता। बाढ़ आने से उन लोगों के जान माल का काफी नुकसान होता है।

कहते हैं मुंगेर के कृषि वैज्ञानिक

मुंगेर कृषि विज्ञान केंद्र के समन्वयक प्रो. मुकेश कुमार ने कहा कि इस साल मानसून ने सही समय पर दस्तक दिया है। जिसकी वजह से समय पर अनुकूल बारिश हो रही है। यश तूफान के बाद अधिक बारिश होने से गंगा नदी उफान मारने लगी है। अगले तीन दिनों तक जिले में पर्याप्त मात्रा में बारिश होने के आसार नजर आ रहे हैं। शनिवार को 40 एमएम और रविवार को 60 एमएम बारिश होने की संभावना व्यक्त की गई है। ऐसे में विभिन्न हिस्सों में हो रही बारिश का असर गंगा नदी में जल स्तर में वृद्धि के रूप में देखा जा सकता है। हालांकि यह बारिश धान उत्पादक किसानों के लिए काफी लाभकारी है।

बाढ़ को लेकर प्रशासनिक तैयारी

संभावित बाढ़ को लेकर प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा युद्ध स्तर पर तैयारियां की जा रही है। हेमजापुर में कुल 21 छोटी बड़ी नौकाओं का निबंधन बाढ़ को लेकर किया गया है। वही संबंधित पंचायत के पंचायत प्रतिनिधियों और वार्ड सदस्यों से मिलकर बाढ़ राहत सूची तैयार करवाई जा रही है। ताकि समय पर बाढ़ प्रभावित लोगों को आर्थिक सहायता राशि दी जा सके। बाढ़ राहत केंद्र का चयन किया जा रहा है।

बोले सीओ

हेमजापुर ओपी क्षेत्र के तीन पंचायत सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित होते हैं। इसकों लेकर दो माह पहले से ही तैयारियां की जा रही है। पंचायत प्रतिनिधियों वार्ड सदस्यों और शिक्षकों के सहयोग से राहत सूची तैयार कराई जा रही है। हर ²ष्टिकोण पर नजर रखते हुए कार्य किया जा रहा है। मुंगेर जिला प्रशासन किसी भी परिस्थिति से निपटने को तैयार है।

: पूजा कुमारी, अंचलाधिकारी धरहरा (मुंगेर)  

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