पुलिस मुख्यालय के चक्कर काटते-काटते सच में बाली से बाला बन गया भागलपुर में रिटायर सिपाही, अब तक पेंशन नहीं आई, वजह...
भागलपुर में एक रिटायर सिपाही पिछले आठ माह से परेशान है। आधार कार्ड में अंग्रेजी में अंकित नाम में बाली की जगह बाला क्या हो गया उम्र की इस दहलीज पर उसे लगातार सरकारी सुविधाओं के लिए चक्कर काटने पर मजबूर होना पड़ गया।
जागरण संवाददाता, भागलपुर : विक्रमशिला सेतु सहायक थाने से 31 जनवरी 2021 को रिटायर हुए सिपाही बाली भगत की अंग्रेजी वर्णमाला में जरा सी चूक से बाली भगत का नाम बाला भगत अंकित हो जाने से वह बाला होने का ऐसा दंश झेल रहा है कि बीते आठ माह से वह पुलिस मुख्यालय तक की दौड़ लगा रहा है। बाली भगत का पेंशन और रिटायर मद में मिलने वाली राशि का भुगतान भी अटक गया है।
लोदीपुर थाना क्षेत्र के बनगांव खुटहा निवासी रिटायर सिपाही एसएसपी कार्यालय तो कभी पुलिस मुख्यालय की दौड़ लगाते-लगाते आठ माह बिता चुका है, अबतक उसके नाम में सुधार नहीं हो सका है। वह सिर पीट कर रह जाता है कि अबतक उसका पेंशन भी चालू नहीं हो सका है जिससे उसके परिवार की जिंदगी की गाड़ी पटरी पर दौड़ सके। एसएसपी निताशा गुड़िया के संज्ञान में जब बाली की व्यथा आई तो वह मामले में तत्काल वित्त विभाग को उसके नाम में सुधार के लिए न सिर्फ लिखा बल्कि सोमवार की देर शाम मुख्यालय से होने वाली वीसी में उस सिपाही की व्यथा का हवाला देते हुए उसके नाम में सुधार का अनुरोध भी किया है।
आधार कार्ड में हिंदी नाम बाली भगत, अंग्रेजी वर्णमाला में बाला अंकित होना बना परेशानी का सबब
बाली भगत की तरफ से विभाग को दिये गए आधार कार्ड में हिंदी वर्णमाला के अक्षर में बाली भगत नाम सही अंकित है, जबकि अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षर में बाली के बजाय बाला अंकित हो गया है। आधार कार्ड बनाने वाले की गलती पर तब किसी का ध्यान नहीं गया था। लेकिन रिटायर होने वाले बाली भगत का पेंशन चालू नहीं हुआ। रिटायर बाद मिलने वाली अन्य भुगतान भी जब अटक गया तो बाली भगत को यह जानकारी विभाग की तरफ से दी गई कि उसके नाम में गड़बड़ी से उसका पेंशन चालू नहीं किया गया है, भुगतान पर भी रोक लग गई है। विभाग की इस कवायद से हतप्रभ बाली भगत पहले पेंशन शाखा फिर पुलिस मुख्यालय की दौड़ लगा अपना पक्ष रखा। शपथ पत्र भी दिया लेकिन आठ माह गुजर जाने के बाद भी उसके नाम की मामूली त्रूटि में सुधार नहीं किया गया। मामले में एसएसपी निताशा गुड़िया ने संज्ञान लेते हुए मामले में सुधार की कवायद शुरू करा दी है।
विभाग की सेवा मनोयोग से की, अभी चक्कर लगा रहा हूं
बाली भगत ने पूछे जाने पर बताया कि वह पूरे मनोयोग से विभाग में अपनी सेवा दी। सेवाकाल में कामकाज में कोई कसर नहीं छोड़ा। अब रिटायर हो गया हूं तो विभाग में अपनी राशि और पेंशन के लिए आठ माह से चक्कर लगा रहा हूं। इसमें मेरा क्या कसूर। आधार कार्ड में अंग्रेजी वाले नाम में बाली की जगह बाला अंकित आधार बनाने वाले ने कर दिया जिसपर किसी का ध्यान नहीं गया। रिटायर बाद विभाग का ध्यान गया तो उसमें सुधार की प्रक्रिया आरंभ करा देनी चाहिए थी। उन्हें इस बात का अब संतोष जरूर है कि एसएसपी ने मामला संज्ञान में आने के बाद त्वरित कार्रवाई कर नाम सुधार के लिए अनुरोध किया और अनुरोध पत्र भी वित्त विभाग को भेज दिया। उसे उम्मीद बंध गई कि अब उसका अटका काम हो जाएगा।