आसमान छू रहे पेट्रोल-डीजल, गैस और सब्जियों के दाम, जमुई की गृहणियों ने सुनाया अपना दर्द
पेट्रोल-डीजल और गैस के दाम तो बढ़े हैं ही साथ में सब्जियों के दाम भी बढ़ चले हैं। राशन की बात करें तो चीनी 44 रुपेय प्रति किलोग्राम के हिसाब से मिल रही है। वहीं अरहर की दाल लगता है थाली से गायब हो जाएगी...
संवाद सहयोगी, जमुई। इन दिनों महंगाई अपने चरम पर है। पेट्रोल, गैस सिलेंडर के अलावा खाद्य पदार्थों में तेल, सब्जी आदि कई चीजों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि के कारण आम आदमी का बजट पूरी तरह से गड़बड़ा गया है। महंगाई का बोझ आम आदमी के जेब पर पड़ रहा है। दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कीमतों ने लोगों को रुलाना शुरु कर दिया है। बढ़ी कीमतों के कारण अब चीजों को लोग आधा करने लगे हैं। पेट्रोल की कीमत भी अब 110 रूपये से अधिक हो गई है।
इस साल जनवरी से अक्टूबर को बीच पेट्रोल के दाम 21 फीसदी और डीजल के दाम 25 फीसदी तक बढ़े हैं। रसोई गैस के दाम में भी इस दौरान 27 फीसदी की वृद्धि हुई है। रसोई गैस के दाम बढऩे से खाने-पीने की चीजे महंगी हुई और रसोई का बजट बिगड़ा तो पेट्रोल-डीजल की कीमतों में उछाल से किराए पर असर पड़ा। माल भाड़ा महंगा होने के कारण जरूरी वस्तुओं के दाम भी बढ़े। इन सबका असर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आम आदमी की जेब पर पड़ा।
गैस सिलेंडर छोड़ने लगे लाभुक
खाना बनाने के रूप में उपयोग होने वाला घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में उछाल आया है। वर्तमान समय में घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत एक हजार के पार हो गया है। गैस की कीमत अधिक होने से उज्जवला योजना के लाभुक गैस सिलेंडर छोडऩे लगे हैं। एक गैस एजेंसी के संचालक की मानें तो 20-22 फीसद लाभुक ही गैस रीफिलिंग करा रहे हैं। सिलेंडर को छोड़कर लोग पुन: लकड़ी व चूल्हा की पद्धति पर आने लगे हैं।
दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कीमत अरहर दाल- 100 रूपये किलो चना दाल- 80 रूपये किलो गुड़- 50 रूपये किलो चीनी - 44 रूपये किलो सरसो तेल- 200 रूपये किलो रिफाइन तेल- 170 रूपये किलो
ईंधन की कीमत (प्रति लीटर)
सब्जियों की कीमत एक नजर में (रुपये प्रति किलो) आलू- 15 रुपये टमाटर-60 रुपये प्याज- 40 रूपये बैगन- 50 रुपये करैला-60 रुपये लोकी- 30 रुपये मूली- 30 रुपये
'रसोई गैस तथा दैनिक उपयोग वीली चीजों पर सरकार को ध्यान देना होगा ताकि रसोईघर का बजट आम लोगों को पर भारी न पड़े।'- श्वेता बाजपेयी, गृहणी।
'महंगाई से रसोई का बजट पूरी तरह से बिगड़ गया है। सरकार को इसपर नियंत्रण करने की जरूरत है ताकि मध्यमवर्गीय परिवार का भला हो सके।'-लता देवी, गृहणी।