500 एकड़ जमीन का मालिक सज्जन था साइको, भागलपुर पहुंचे मामा ने बताया मौत के पीछे का कारण

भागलपुर के होटल संस्कार में सज्जन यादव की लाश बरामद की गई। उसके मुंह से झाग निकल रहा था। शनिवार को भागलपुर पहुंचे मामा ने बताया कि वो साइको था कुछ भी करने लग जाता था। उसका आपराधिक बैकग्राउंड तो नहीं था लेकिन...

By Shivam BajpaiEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 04:00 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 04:00 PM (IST)
500 एकड़ जमीन का मालिक सज्जन था साइको, भागलपुर पहुंचे मामा ने बताया मौत के पीछे का कारण
भागलपुर पहुंचे सज्जन यादव के मामा ने बताई कई बातें...

जागरण संवाददाता, भागलपुर। होटल संस्कार के कमरा नम्बर 103 में मृत पाए गए पश्चिमी दिल्ली के तिलकनगर कराला का सज्जन यादव साइको था। गुरुवार की देर रात उसका शव होटल के कमरे से बरामद किया गया था। उसके मुंह से झाग निकल रहा था। उसकी मौत की जानकारी कोतवाली इंस्पेक्टर रामप्रीत पासवान ने मोबाइल में मिले नम्बर के आधार पर मामा को किया था। मामा सूरज यादव अपने लड़के आनंद यादव के साथ शनिवार की सुबह प्लेन से पटना पहुंचे। वहां से भागलपुर सीधे कोतवाली परिसर पहुंचे। उन्होंने कोतवाली इंस्पेक्टर के समक्ष बयान दिया कि दो सालों से सज्जन से कोई सम्पर्क नहीं था। वह साइको था। एक-एक -बार मे वह नींद की 15-16 गोलियां खा लेता था। उससे परिवार के लोग आजिज थे।

मामा ने बताया कि उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं रह है लेकिन सोहबत गलत हो गई थी। खूब सिगरेट पीता था। शाकाहारी था। सनकी जरूर था। हरियाणा में अपने जिगरी दोस्त कुलदीप की गाड़ी लेकर भाग गया था। जिस क्रम में पानीपत में पकड़ा गया था। उसी में उसको जेल हुई थी। बाद में उसके दोस्त कुलदीप ने ही उसकी जमानत करवाई थी। मामा ने बयान दिया कि 1998 में सज्जन की मां और पिता की 2004 में मृत्यु बाद वह घर से बाहर ही रहता था। घर मे कोई अन्य सदस्य नहीं रहे। बहन की पहले ही शादी हो चुकी थी जो ससुराल चली गई थी। सज्जन बहन-बहनोई को भी परेशान कर रखा था। मामा ने बताया कि सज्जन आखिर था तो उसका भांजा। उसने उसकी सनकी स्वभाव को खत्म करने के लिए उसकी शादी करने की बहुत कोशिश की पर वह शादी करने से हमेशा इनकार करता था।

500 एकड़ जमीन है पैतृक गांव किड़ौली में

मामा सूरज यादव ने बताया कि संपन्न परिवार से आने वाले सज्जन को किसी बात की कमी नहीं थी। पैतृक गांव हरियाणा के किड़ौली में 500 एकड़ की जमीन थी। मां-बाप की मौत बाद वह अकेला बचा था। कोई उसके सनकी स्वभाव की वजह से अब उससे दूरी बनाने में ही भलाई समझते। नजदीकी रिश्तेदारों ने भी नाता तोड़ रखा था। वह खुद पौने दो साल से कोई सम्पर्क में नहीं थे। उसके मनोवृत्ति से आजिज मामा ने यहां तक कहा कि वह किसी के बजी साथ सनक में दुर्व्यवहार करने लगा था। वह सगे का नहीं हुआ तो दोस्त-रिश्तेदारों का क्या होता। सब उससे त्रस्त थे।

अंबेडकर अस्पताल दिल्ली में कराया था मानसिक उपचार

उसकी हरकतों से आजिज मामा और उनके एसडीओ पुत्र आनंद ने दिल्ली स्थित अंबेडकर अस्पताल में उपचार कराया था। वहां जब उसने उपचार में सहयोग करने के बजाय उत्पात मचाना शुरू किया तो मामा ने बातचीत बंद कर दी थी। मामा ने बताया कि सज्जन के दादा पुलिस महकमे में इंस्पेक्टर थे। वह खुद जल बोर्ड दिल्ली में तैनात हैं। बेटा एसडीओ फिर भी तमाम व्यस्तता के बाद भी भांजे के लिए चिंता लगी रहती थी। उसकी मत मारी गई कि वह भागलपुर पहुंच गया। उसके भागलपुर पहुंचने को वह अचरज मान रहे हैं।

रांची से सज्जन पहुंचा था भागलपुर

होटल संस्कार के रजिस्टर में दर्ज सूचना के मुताबिक वह रांची से भागलपुर 15 सितंबर को पहुंचा था। कोतवाली पुलिस शुक्रवार की सुबह उसके कमरे से मिले बैग में दो लैपटॉप एक मोबाइल और एक पिस्तौल बरामद किया था। उसके मामा सूरज यादव से पुलिस ने बरामद पिस्तौल के बारे में भी पूछताछ की। सूरज यादव ने बताया कि उसके पास बरामद असलहे का लाइसेंस था, लेकिन कोतवाली के दरोगा देवानंद पासवान ने लाइसेंस बरामद नहीं होने पर केस दर्ज करने की कवायद शुरू कर दी। पुलिस होटल स्टाफ और मैनेजर से भी इस संबंध में पूछताछ की। सज्जन यादव अधिकांश समय कमरे में बिताता था। दोनों टाइम स्टेशन चौक स्थित मिथिला होटल से शाकाहारी भोजन मंगा कर कमरे में ही खाता था। खुद को होटल में व्यवसाई बताया था। ब्यापार के सिलसिले में भागलपुर आना बताया था। सात सौ रुपये वाले वातानुकूलित कमरे में रह रहा था। नकद भुगतान करने वाला सज्जन कमरे में खूब सिगरेट पीता था। होटल मैनेजर ने बताया कि उसका किसी स्टाफ से खराब व्यवहार नहीं रहा।

बरारी में कराया गया दाह संस्कार

मामा और उनके लड़के ने कोतवाली पुलिस की मौजूदगी में बरारी स्थित श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार सम्पन्न कराया। मामा ने बताया कि दिल्ली में उसके घर कोई रहा नहीं इसलिए उसका संस्कार यहीं कराना जरूरी समझा।

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