जमीन खरीदने से पहले पास हो रहा नक्शा, बिहार के जमालपुर में इस तरह चल रहा खेल
जमीन खरीदने से पहले बिहार में नक्शा पास कर दिया जाता है। यह खेल जमालपुर नगर परिषद में चल रहा है। सदर अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी कार्यालय के जवाब पत्र से इसका खुलासा हुआ है। इस संबंध में...!
संवाद सहयोगी, जमालपुर (मुंगेर)। रेल इंजन कारखाना में घोटाले की आग अभी ठंडा भी नहीं हुआ कि लौहनगरी स्थित नगर परिषद में नया खेल सामने आया है। यहां जमीन खरीदने से पहले ही मकान निर्माण का नक्शा पास किए जाने का खेल चल रहा है। एक तरह से समझें कि सरकारी नियमों को ताक पर रखकर पूरे मामले का पटाक्षेप किया जा रहा है। नक्शा स्वीकृत करने का खुलासा सदर अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के पत्र से हुआ है।
पूरे प्रकरण के बारे में शिकायतकर्ता वार्ड नंबर 28 निवासी प्रभाकर सिन्हा ने बताया कि प्लाट संख्या 80, सीट संख्या 8317 पूनम साह पति उमेश कुमार साह, केशोपुर जमालपुर का है। इन्होंने बिना नक्शा पास कराए ही दो मंजिला मकान खड़ा कर लिया। नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी से कई बार लिखित व मौखिक रूप से जानकारी देकर आवेदनकर्ता ने गुहार भी लगाई। आवेदन पर जब कार्रवाई नगर परिषद की ओर से नहीं हुई तो इसकी शिाकयत सदर अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के समक्ष किया गया।
जांच का मिल चुका है निर्देश
लोक शिकायत पदाधिकारी के पत्र के जवाब के बाद इस मामले में नगर परिषद को जांच कराने का निर्देश भी दिया गया। आवेदन में बताया गया है कि पूनम साह की ओर से नगर परिषद के एक कर्मचारी को मिलाकर जमीन खरीदने के पहले ही नक्शा को पास करवा लेते हैं। मिलीभगत की वानगी यह है कि जमीन की खरीदारी 2010 में होती है और इसका नक्शा तीन वर्ष पहले 2007 में पास में हो जाता है। नक्शे के इस खेल का खुलासा जब लोक प्राधिकार प्रतिवेदन से हुआ तो नगर परिषद प्रशासन ने चूपी साध ली। आवेदनकर्ता प्रभाकर सिन्हा का कहना है कि जब 2010 में जमीन की रजिस्ट्री हुई है तो नक्शा 2007 में कैसे नक्शा पास हो जाएगा। इसकी निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो न्यायालय का शरण लेंगे।
-पूनम साह की ओर से 2007 में प्रथम तल्ला के नक्शा की स्वीकृति प्राप्त कर भवन व मक्का शौचालय निर्माण किया गया है, प्रथम तल्ला के आंशिक भाग पर बिना नक्शा के कमरा का निर्माण कराया गया है। जिसे तोडऩे के लिए नोटिस निर्गत किया गया है। -पूजा माला, कार्यपालक पदाधिकारी।