सुलोचना की नेह से संवर रही है महिलाओं की ¨जदगी

जिला प्रशासन द्वारा समाजसेवा में बेहतर कार्य केलिए सम्मानित भी किया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Sep 2018 03:52 PM (IST) Updated:Fri, 21 Sep 2018 03:52 PM (IST)
सुलोचना की नेह से संवर रही है महिलाओं की ¨जदगी
सुलोचना की नेह से संवर रही है महिलाओं की ¨जदगी

मुंगेर। सुलोचना की नेह से महिलाओं की ¨जदगी संवर रही है। शिक्षा की लौ के जरिये महिलाओं के जीवन में खुशियों का रंग बिखरेने की मुहिम में जुटी सुलोचना बीते 24 वर्ष से निरक्षर महिलाओं को साक्षर बना कर उन्हें आत्मनिर्भर बना रही है। प्रखंड के खैरा पंचायत के महमतपुर गांव निवासी सुलोचना कुमारी के इस प्रयास को कई बार सम्मान भी मिल चुका है। नारी सशक्तिकरण के प्रति सुलोचना की प्रतिबद्धता के अधिकारी व आम लोग भी कायल हैं। सुलोचना ने बताया कि मैं 1994 से साक्षरता अभियान से जुड़ गई। शुरू में ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को पढ़ाई से जुड़ने के लिए कहती तो वह मना कर देती थी। लेकिन, धीरे धीरे महिलाओं का रूझान शिक्षा के प्रति बढ़ी। 2009 मुझे केआरपी का दायित्व मिला। साक्षरता अभियान में घर चलाने लायक पैसे नहीं मिलते हैं। इसलिए घर का खर्च चलाने के लिए मैं खेताबाड़ी भी करती हूं। सुलोचना ने कहा कि शिक्षा के बिना महिला सशक्तिकरण की बात भी बेईमानी है। मैं अपने इस अभियान से शिक्षित लड़कियों को भी जोड़ रही हूं। शिक्षित लड़कियों को अपने आसपास की निरक्षर महिलाओं को पढ़ाने के लिए प्रेरित करती हूं। सुलोचना प्रति दिन सुबह 8 से 10 तक दलित बस्तियों के केंद्रों पर जाकर महिलाओं को जागरूक और शिक्षित करने के कार्य करती हैं। दोपहर को 1 से 3 बजे तक महिलाओं को स्वरोजगार से जुड़ने के लिए प्रशिक्षित करती हूं। चुनाव के समय अनपढ़ महिलाओं के बीच जाकर मत डालने के तरीके और मताधिकार के मायने भी बखूबी सिखाती हैं। अपने कार्य के प्रति समर्पित सुलोचना कभी रात और दिन की परवाह नही करती। उन्हें अनुमंडल और जिला प्रशासन द्वारा समाजसेवा में बेहतर कार्य केलिए सम्मानित भी किया गया है।

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