घर सजे मंजूषा से : पवन ने दक्षिण भारत में भी पहुंचाया मंजूषा को Bhagalpur News

मंजूषा कला से पवन बीते 20 वर्षों से अधिक समय से जुड़े हुए है। शुरूआती दौर में किसी को मंजूषा पेंटिंग भेंट करने को जाते थे सांप-बिच्छू की कला कहकर लौटा दिया जाता था।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Fri, 21 Feb 2020 02:39 PM (IST) Updated:Fri, 21 Feb 2020 03:14 PM (IST)
घर सजे मंजूषा से : पवन ने दक्षिण भारत में भी पहुंचाया मंजूषा को Bhagalpur News
घर सजे मंजूषा से : पवन ने दक्षिण भारत में भी पहुंचाया मंजूषा को Bhagalpur News

भागलपुर, जेएनएन। मोहद्दीनगर के पवन सागर ने मंजूषा कला के क्षेत्र में रियल इंटरनेशनल एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मान पा चुके हैं। यह अवार्ड यूएनओ से सबंद्ध आर्ट एंड पीस ऑफ इंडिया की ओर से करनाल में मिला। पवन ने मंजूषा कला निर्मला देवी व मनोज पंडित से सीखा। अब उनकी मंजूषा कला पटना के ललित कला अकादमी में लगाई गई है। .

पवन को मंजूषा ने दिलाई पहचान

मंजूषा कला से पवन बीते 20 वर्षों से अधिक समय से जुड़े हुए है। इस कला को आगे बढ़ाने में काफी संघर्ष करना पड़ा। शुरूआती दौर में किसी को मंजूषा पेंटिंग भेंट करने को जाते थे सांप-बिच्छू की कला कहकर लौटा दिया जाता था। नेताओं का भी साथ नहीं मिला। उन्हें भी वीईपी नेताओं को जब कभी पेंटिंग उपहार स्वरुप भेंट करने के लिए जाया करते थे तो लेने से माना कर देते थे। नाबार्ड द्वारा सभी प्रखंडों में प्रशिक्षण के बाद 300 कलाकारों तैयार हुए। इसके बाद धीरे-धीरे मंजूषा कला ट्रैक पर चल पड़ी। बिहार शिक्षा परियोजना ने ज्ञान ज्योति कार्यक्रम चलाया, जिसकी जिम्मेदारी पवन को सौंपी गई। पवन ने खरीक, सुलतानगंज व कहलगांव के बीआरसी में मंजूषा कला का प्रशिक्षण किया। पवन ने मंजूषा का प्रचार-प्रसार मतिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश कर्नाटक, उड़ीसा, महाराष्ट्र व गोवा के वर्कशॉप में शामिल हुए। नागालैंड में माटी के रंग कार्यालय में मंजूषा कला का प्रदर्शन किया। अब इस कला से 30 हजार रुपये का मासिक आमदनी भी होने लगी है। दक्षिण भारत में मंजूषा कला की साडिय़ों की मांग बढ़ी है। चेन्नई से इसका आर्डर भी पवन को मिला है। शाहकुंड प्रखंड के स्वास्थ्य केंद्र पर स्वास्थ्य सेवा की जुडी सरकारी सेवा का मंजूषा कला शैली में दीवार पेंटिंग कर रहे हैं।

यहां भी मंजूषा का लहराया परचम

सांस्कृतिक मंत्रालय भारत सरकार द्वारा गुरु शिष्य परंपरा योजना के अंतर्गत शिष्य का प्रशिक्षण लिया। इनमें चौथा रैंक हासिल किया। 1998 में भारत सरकार के पर्यावरण व वन मंत्रालय द्वारा आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता में प्रोत्साहन पुरस्कार लिया। कला संस्कृति युवा विभाग बिहार सरकार द्वारा जिलास्तरीय युवा महोत्सव में मंजूषा चित्रकला में 2008 में तृतीय व 2009 में द्वितीय स्थान प्राप्त किया। ललित कला अकादमी केरल और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल में राष्ट्रीय कार्यशाला में मंजूषा के रुप में प्रतिनिधित्व किया। राष्ट्रीय मानव संग्रहालय मैसूर में आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में सहभागिता। भारतीय सांस्कृतिक मंत्रालय के पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र कोलकाता द्वारा 2015 में गोवाहाटी में आयोजित भारत लोक पर्व में अवार्ड मिल चुका है। उद्योग निदेशालय में शिल्पीकृत निबंधन प्रमाण पत्र मिला है।

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