मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए भटक रहे कोरोना संक्रमित मृतकों के स्‍वजनों, आखिर... क्‍यों नहीं देन चाहिए death certificate, जानिए वजह

भागलपुर में कोरोना संक्रमित मृतकों के स्‍वजनों को मृत्‍यु प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा है। 21 दिन के अंदर बाल विकास परियोजना कार्यालय से प्रमाण पत्र निर्गत करने के नियम हैं। लेकिन कार्यालय ही बंद हैं। लोग वहां जाकर निराश होकर लौटते हैं।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 09:17 AM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 09:17 AM (IST)
मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए भटक रहे कोरोना संक्रमित मृतकों के स्‍वजनों, आखिर... क्‍यों नहीं देन चाहिए death certificate, जानिए वजह
बाल विकास परियोजना कार्यालय बंद है, जिस कारण प्रमाण पत्र नहीं बन रहा है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। भागलपुर के सबौर प्रखंड में कोरोना संक्रमित मृतकों के स्‍वजन मृत्यु प्रमाण पत्र मिलने की वाट जोह रहे हैं। कोरोना महामारी में प्रखंड क्षेत्र से एक सप्ताह में तकरीबन दर्जन भर लोग काल के गाल में समा गए हैं। हालात इतने बदतर हैं कि एक ही घर से दो-तीन अर्थियां निकल रही हैं। ऐसी परिस्थिति में शव को कंधा देने वाला नहीं मिल रहा है। लोग भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।  

मरणोपरांत परिजन बैंक खाते में जमा राशि की निकासी कर मृतक का श्राद्ध कर्म करना चाहते हैं। इसके लिए मृत्यु प्रमाण पत्र की जरूरत होती है। सरकारी व्यवस्था के तहत मृत्यु के 21 दिन के अंदर बाल विकास परियोजना से मृत्यु प्रमाण पत्र देना है। लेकिन स्थिति यह है कि प्रखंड का बाल विकास परियोजना कार्यालय खुलता ही नहीं है। सीडीपीओ से लेकर कर्मियों तक को जरूरतमंद मोबाइल से कांटेक्ट करने का प्रयास करते हैं। लेकिन फोन ही रिसीव नहीं किया जाता है। ऐसी परिस्थिति में मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा है। कार्यालय कब खुलेगा कैसे प्रमाण पत्र बनेगा, इसकी कोई जानकारी तक देने वाला नहीं है।

सबौर के सचिन कुमार कहते हैं कि मेरे पिताजी का एक सप्ताह पूर्व कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण मौत हो गई। 21 दिन के अंदर मृत्यु प्रमाण पत्र बाल विकास परियोजना कार्यालय से बनवाने का नियम है। यदि इस अवधि तक नहीं बन सका तो फिर कई डॉक्यूमेंट की जरूरत होगी। कचहरी आदि का झमेला होगा। समय भी ज्यादा लगेगा। अभी बन जाता तो अपनी जरूरत भी पूरी होती। लेकिन बनना तो दूर कोई आवेदन फार्म भी लेने वाला नहीं है।

नहीं उठाते अधिकारी मोबाइल

इस संदर्भ में जब सीडीपीओ रश्मि रमण से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्‍होंने फोन ही नहीं उठाया। कार्यालय से जुड़े कर्मचारियों के भी फोन वे नहीं उठा रहीं हैं। कब और कैसे प्रमाण पत्र बनेगा, सबौरवासी ऊहापोह की स्थिति में हैं। मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बनने से गरीबों को श्राद्ध कर्म करने की संकट उत्पन्न हो गया है, क्योंकि वगैर प्रमाण पत्र के बैंक में  रखी मृतक की राशि निकाल पाना संभव नहीं है।

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