कहां गुम हो गई चंपा : उद्गम स्थल से निकलते ही सिकुड़ती गई चंपा

बांका और भागलपुर में दो सौ से भी अधिक गांवों की हजारों एकड़ भूमि को सिंचित करने वाली चंपा नदी का उद्गम स्थल स्थल बेरमा (अमरपुर बांका) में है। यहां इसकी चौड़ाई करीब एक किलोमीटर है।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Fri, 22 Nov 2019 07:47 AM (IST) Updated:Fri, 22 Nov 2019 07:47 AM (IST)
कहां गुम हो गई चंपा : उद्गम स्थल से निकलते ही सिकुड़ती गई चंपा
कहां गुम हो गई चंपा : उद्गम स्थल से निकलते ही सिकुड़ती गई चंपा

भागलपुर [जेएनएन]। अपने उद्गम स्थल पर करीब पांच सौ मीटर चौड़ी नदी भागलपुर आते-आते कहीं सौ तो कहीं दस-बारह मीटर पर सिमट चुकी है। हां! यूं कहें कि सिकुड़ती चली गई। चंपा नदी विलुप्त होने को है। कई जगहों पर तो यह घरों से निकलने वाली नाली के रूप में दिखती है।

दैनिक जागरण की टीम ने नदी के साथ-साथ इसके उद्गम स्थल से नाथनगर तक की यात्रा की तो कंपा देने वाली तस्वीर सामने आई। इसे इतने जख्म दिए गए हैं, जिसकी कोई सीमा नहीं। उस चंपा नदी को, जिस पर डेढ़-दो सौ गांवों का जीवन टिका है। यही जल का स्रोत है। सिर्फ कल्पना कीजिए कि कल यह नदी नहीं होगी तो इन इलाकों का क्या होगा?

कहीं टीले, कहीं गड्ढे

बांका और भागलपुर में दो सौ से भी अधिक गांवों की हजारों एकड़ भूमि को सिंचित करने वाली चंपा नदी का उद्गम स्थल स्थल बेरमा (अमरपुर, बांका) में है। यहां इसकी चौड़ाई करीब एक किलोमीटर है। वहां से चंपानगर आते-आते यह नदी कहीं 100 तो कहीं दस-बारह मीटर रह गई है। बालू के अवैध उत्खनन ने इसके सीने को छलनी कर दिया है। कहीं ऊंचे-ऊंचे टीले तो कहीं गहरे गड्ढे बन गए हैं, जिससे इसकी मुख्य धारा अवरुद्ध हो गई है। इसकी पेटी में पानी की जगह बालू और मिट्टी ही रह गई हैं।

मूल स्रोत से छूट चुका है साथ

बेरमा के पास जहां चंपा एक शाखा के रूप में निकलती है, वहीं स्रोत नदी से इसका साथ छूट चुका है। बालू के अंधाधुंध खनन के कारण चानन की पेटी इस कदर गहरी हो गई है कि चंपा से इसका संपर्क भंग हो गया है। यह नदी अब अपने जलग्रहण क्षेत्र में होने वाली बारिश के भरोसे ही है।

बहाव हो गया अवरुद्ध

भागलपुर-अमरपुर मुख्य पथ स्थित अंधरी पुल के समीप नदी की चौड़ाई और अधिक कम हो गई है। दरियापुर से छवनिया के बीच तो यह महज 30 फीट चौड़ी रह गई है। लोगों ने दरियापुर में इसे बांध दिया है, जिससे इसकी धारा चंपानगर की ओर नहीं जा पा रही है।

कहां किस हाल में है नदी

चंपा नदी बेरमा से वासुदेवपुर, हाजीपुर, कमलपुर तक पांच किलोमीटर की दूरी तय करते हुए अमरपुर-भागलपुरमुख्य पथ पर बने अंधरी पुल के नीचे से गुजरती है। इसका नाम वहां अंधरी नदी है, क्योंकि इसी नाम के गांव के बगल से गुजरती है। पुल की पूर्वी दिशा से पश्चिम की ओर 10 फीट ऊंचा टीला खड़ा है। इस वजह से यहां नदी नाले की शक्ल में हो गई है। अवैध उत्खनन की वजह से कई जगह गड्ढे बन गए हैं। इसकी धारा के अवरुद्ध होने की एक बड़ी वजह है।

मुख्य बातें

- अमरपुर के बेरमा में पांच सौ मीटर चौड़ा पाट, अवैध उत्खनन की वजह से नदी खोती गई अपना स्वरूप, कभी बहती थी कलकल धारा, अब बालू और मिट्टी

- 28 किलोमीटर लंबी थी चंपा नदी, बैरमा से बरारी गंगा घाट तक बहती थी धारा- 40 मीटर नदी की चौड़ाई रह गई है दराधी पुल के पास

- चंपानगर आते-आते यह नदी कहीं 100 तो कहीं मात्र 12 मीटर में सिमटी

- 30 फीट चौड़ी रह गई धारा दरियापुर से छवनिया के बीच

चंपा के उद्गम स्थल बेरमा से संजय कुमार सिंह की रिपोर्ट

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