विराटनगर में 101 मिलीमीटर बारिश का असर... खगडिय़ा में कोसी, बागमती और बूढ़ी गंडक उफान पर
विराटनगर में भारी बारिश का असर खगडि़या में दिखने गला है। यहां पर कोसी बागमती के बाद बूढ़ी गंडक का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। इससे तटवर्तीय इलाके के लोगों की परेशानी बढ़ गई है। साथ ही बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
जागरण संवाददाता, खगडिय़ा। नदियों की आंख मिचौनी जारी है। खगडिय़ा में कोसी, बागमती और बूढ़ी गंडक बढ़ रही है। तीनों नदियां खतरे के निशान की ओर बढ़ रही है। नेपाल के विराटनगर में हुई तेज बारिश बाद कोसी के जलस्तर में और वृद्धि की संभावना है। अधीक्षण अभियंता, बाढ़ नियंत्रण योजना एवं मानिटङ्क्षरग अंचल, ङ्क्षसचाई भवन, पटना की ओर से सोमवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार नेपाल के विराटनगर में 101.6 मिलीमीटर बारिश हुई है। इससे कोसी और महानंदा नदी के जलस्तर में वृद्धि की संभावना जताई गई है। जबकि नेपाल के पोखरा में भी 84.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, इससे गंडक का जलस्तर बढ़ सकता है। इधर, सोमवार को बाढ़ नियंत्रण अंचल, खगडिय़ा के अधीक्षण अभियंता सत्यजीत ने केबी तटबंध के मालपा और बीएन तटबंध के लौंगा स्थल का जायजा लिया।
कोसी बलतारा में खतरे के निशान से 70 सेमी नीचे
कोसी खगडिय़ा के बलतारा में बढ़ रही है। यहां कोसी खतरे के निशान से मात्र 70 सेमी नीचे है। टेंडेंसी बढऩे की है। केंद्रीय जल आयोग कोसी उपमंडल बेगूसराय की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को कोसी बसुआ में घट रही थी और कुरसेला में स्थिर थी। दोनों जगहों पर खतरे के निशान से नीचे है। इधर, सोमवार की सुबह आठ बजे भीमनगर बराज के पास कोसी का डिस्चार्ज 98 हजार 390 क्यूसेक था। जबकि बराह क्षेत्र का डिस्चार्ज 51 हजार क्यूसेक था।
बागमती खतरे के निशान से मात्र 34 सेमी नीचे
बागमती खगडिय़ा के संतोष स्लूईस के पास बढ़ रही है। सोमवार को बागमती खतरे के निशान से मात्र 34 सेमी नीचे बह रही थी। बागमती दरभंगा के हायाघाट में भी बढ़ रही है। लेकिन खतरे के निशान से अभी काफी नीचे है। यहां बागमती खतरे के निशान से चार मीटर 42 सेमी नीचे है। लेकिन, संतोष स्लूईस और हायाघाट दोनों जगहों पर बागमती की टेंडेंसी राइङ्क्षजग है।
खगडिय़ा में बूढ़ी गंडक लगातार बढ़ रही है
बूढ़ी गंडक समस्तीपुर, सिउरी घाट, बेगूसराय में स्थिर है। लेकिन, रोसड़ा में बढ़ रही है। रोसड़ा में बूढ़ी गंडक खतरे के निशान से 67 सेमी ऊपर है। जबकि बूढ़ी गंडक खगडिय़ा में भी बढ़ रही है, लेकिन खतरे के निशान से 86 सेमी नीचे है।
खगडिय़ा जिले के सभी बांध-तटबंध सुरक्षित हैं। सघन निगरानी रखी जा रही है।
-सत्यजीत, अधीक्षण अभियंता, बाढ़ नियंत्रण अंचल, खगडिय़ा।