खगडि़या में टाउन प्रोटेक्शन प्लान का हाल, 13 साल बाद भी बाढ़ से सुरक्षा के लिए नहीं बनी 'दीवार'
खगडि़या को बाढ़ से बचाने के लिए टाउन प्रोटेक्शन प्लान साल 2008 में शुरू की गई थी लेकिन 13 साल बाद भी यह प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो सका है। इस प्रोजेक्ट का लागत भी बढ़ता जा रहा है। इससे यहां के लोगों में...!
जागरण संवाददाता, खगडिय़ा। खगडिय़ा शहर को बाढ़ से बचाने के लिए टाउन प्रोटेक्शन स्कीम के तहत निर्माणाधीन नगर सुरक्षा तटबंध एक दशक बाद भी पूर्ण नहीं हुआ है। जबकि साल दर साल इसके लागत खर्च में वृद्धि होती जा रही है। इस सुरक्षा तटबंध की योजना वर्ष 2007 की बाढ़ में खगडिय़ा शहर के जलमग्न होने पर बनाई गई थी। तब बाढ़ का पानी तीन माह तक शहर में रुका रह गया था। जिसे देख वर्ष 2008 में टाउन प्रोटेक्शन स्कीम के तहत शहर को बचाने की कवायद शुरू हुई और इसका डीपीआर तैयार हुआ। वर्ष 2012 में कार्य आरंभ हुआ।
चार मौजा में फंसा हुआ है भू-अर्जन का पेंच
टाउन प्रोटेक्शन स्कीम के तहत बेगूसराय के बगरस से खगडिय़ा के संतोष स्लूईस तक दाएं भाग में तटबंध का निर्माण होना है। लेकिन बभनगामा सहित चार मौजा में भू-अर्जन का पेंच फंस जाने से साढ़े तीन किलोमीटर में तटबंध नहीं बन सका है। इससे खगडिय़ा शहर पर बाढ़ का खतरा बना रहता है।
बढ़ती चली गई लागत खर्च
अबतक निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने से लागत खर्च में वृद्धि जारी है। शुरुआती लागत खर्च 1283.08 लाख था। बाद में तटबंध में स्लूईस गेट का प्रावधान जुड़ा, तो यह खर्च बढ़कर 1996.02 लाख हो गया। तटबंध पर सभी 10 स्लूईस गेट का कार्य पूर्ण हो चुका है। इसके बाद भू-अर्जन को लेकर राशि की जरूरत पड़ी और लागत खर्च बढ़कर 2935 लाख हो गया। लेकिन इतना कुछ होने के बाद भी तटबंध निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो सका है।
वर्ष 2017-18 में एक बार फिर निर्माण को लेकर लागत खर्च बढ़ा। फिर भी उक्त तटबंध का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। समय पूर्ण होने को लेकर विभागीय स्तर पर इस स्कीम को बंद कर दिया गया। पुन: स्कीम आरंभ करने को लेकर प्रस्ताव भेजे जाने की तैयारी की जा रही है। अब फिर से इसके लागत खर्च में वृद्धि होना तय है। इधर भूअर्जन की स्थिति भी जस की तस है। तटबंध निर्माण को लेकर भू-अर्जन नहीं हो पा रहा है। भू-अर्जन में 19 करोड़ के करीब खर्च का अनुमान है।
नगर सुरक्षा तटबंध को लेकर खगडिय़ा जिले में बभनगमा सहित चार मौजा में भू-अर्जन का मामला फंसा हुआ है। भू-अर्जन नहीं होने से साढ़े तीन किलोमीटर की लंबाई में तटबंध नहीं बन सका है। समय पर कार्य नहीं होने के कारण इस स्कीम को बंद कर दिया गया है। इस स्कीम को पुन: आरंभ करने को लेकर प्रस्ताव भेजा जाना है।
गणेश प्रसाद सिंह, कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल-दो, खगडिय़ा।
नगर सुरक्षा तटबंध के लिए भू-अर्जन होना है, इसकी जानकारी नहीं है और न ही इससे संबंधित राशि ही आई है। जनक कुमार, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, खगडिय़ा।