भागलपुर के पीएचसी का हाल... डाक्टर और नर्स नहीं रहने से लटक रहा ताला, इलाज के लिए लोग जाते हैं शहर

भागलपुर में पीएचसी की स्थिति ठीक नहीं है। डाक्टरों की कमी जांच सुविधा का अभाव और अस्पताल में समुचित स्वास्थ्य सेवा की सुविधा न हो पाने के कारण ग्रामीण इलाकों के मरीज इलाज के लिए कई किलोमीटर दूर...

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 12:26 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 12:26 PM (IST)
भागलपुर के पीएचसी का हाल... डाक्टर और नर्स नहीं रहने से लटक रहा ताला, इलाज के लिए लोग जाते हैं शहर
भागलपुर में पीएचसी की स्थिति ठीक नहीं है।

संसू, अकबरनगर। ग्रामीण इलाकों में रह रहे लोगों को नजदीक में ही स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें इसके लिए उप स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना की गई, लेकिन ऐसे केंद्रों में सुविधाएं नहीं हैं। अव्यवस्था अलग से। डाक्टरों की कमी, जांच सुविधा का अभाव और अस्पताल में समुचित स्वास्थ्य सेवा की सुविधा न हो पाने के कारण ग्रामीण इलाकों के मरीज इलाज के लिए दस किलोमीटर दूर प्रखंड के रेफरल अस्पताल पहुंचते हैं और वे डाक्टरों के क्लीनिक से लेकर मेडिकल कालेज अस्पताल में इलाज कराने के लिए मजबूर हो रहे हैं। नगर पंचायत अकबरनगर के खेरेहिया पंचायत में एक मात्र ग्रामीण इलाकों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ एएनएम की टीकाकरण ड्यूटी लगा देने से पीएचसी में ताला लग गया है।

कोरोनाकाल में यह पहले से ही बंद था। ऐसे में लोगों को इलाज के लिए दूर दूर भटकना पड़ रहा है। मंगलवार को पीएचसी में ताला लगा था। पूछे जाने पर स्थानीय लोगों ने बताया कि मेडिकल स्टाफ कभी-कभी ही केंद्र पर आते हैं और कुछ देर बाद ही चले जाते है। इक्का- दुक्का का ही यहां इलाज हो पाता है, जबकि एएनएम द्वारा दवा की कमी बता देने के कारण यहां लोग क्लीनिक के भरोसे इलाज करवा रहे हैं। यह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिकित्सक के अभाव में भी दम तोड़ता नजर आ रहा है। जगह-जगह गंदगी व जलजमाव सहित कई समस्या यहां नजर आई। करीब पांच हजार की आबादी वाली इस पंचायत में रोजाना 10 से 12 लोगों का भी इलाज यहां नहीं हो पाता है। इसके चलते इनका संचालन महज औपचारिकता ही साबित हो रहा है।

एक मात्र स्वास्थ्य केंद्र की खस्ता हालत, मरीज जाने से कर रहे परहेज

खेरेहिया पंचायत में एक मात्र स्वास्थ केंद्र है, लेकिन इसकी भी खस्ता हालत है। पांच कमरों में मात्र एक कमरा मरीजों को देखने के लिए खाली है। बाकी सभी कमरे में रखे सामान धूल फांक रहे हंै। स्वास्थ्य केंद्र में एएनएम व एक सीएचओ कार्यरत हैं, लेकिन ये सब रूटीन के हिसाब से ही केंद्र पर आती हंै। अस्पताल की दयनीय दशा देखकर मरीज डर से इलाज कराने नहीं पहुंच रहे हैं। जिसके कारण लोगों का ठीक तरीके से इलाज नहीं हो पा रहा है। डाक्टर नहीं रहने के कारण मरीज को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रेलवे लाइन से सटे आउटर इलाके में है, जहां लोग जाने में कतराते हैं। पंचायत में एक मात्र स्वास्थ्य केंद्र होने के कारण यहां पर सुविधाओं की घोर कमी है। इसको लेकर कई बार चिकित्सक पदाधिकारी को लिखा गया है, लेकिन इसपर ध्यान नहीं दिया गया।

चंदन कुमार ङ्क्षसह, मुखिया प्रतिनिधि

खेरेहिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिदिन मरीजों का इलाज होता है। आउटर एरिया में केंद्र होने के कारण मरीज कम पहुंचते हैं। फिलहाल सभी स्वास्थ्यकर्मी टीकाकरण अभियान में कार्यरत हंै। - चंदन कुमार, स्वास्थ्य प्रबंधक, रेफरल अस्पताल

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