अस्पताल में रसोई के कचरे से तैयार होगा खाद, बांका सदर अस्पताल प्रशासन ने शुरू की पहल

किचन वेस्‍ट से अब खाद तैयार किया जाएगा। बांका में सदर अस्‍पताल प्रशासन ने इसकी शुरुआत की है। सदर अस्‍पताल में अभी दो किचन है। इससे अस्‍पताल में भर्ती मरीजों के लिए और जीएनएम हास्‍टल में रह रहीं छात्राओं के लिए...

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 06:27 AM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 06:27 AM (IST)
अस्पताल में रसोई के कचरे से तैयार होगा खाद, बांका सदर अस्पताल प्रशासन ने शुरू की पहल
किचन वेस्‍ट से अब खाद तैयार किया जाएगा।

संवाद सहयोगी, बांका। सदर अस्पताल में कई सुविधाएं बढऩे लगी है। बेहतर इलाज के साथ डिजिटल एक्सरे से की सुविधा मिल रही है। आनेवाले दिनों में सिटी स्कैन की सुविधा यहां पर मिलने वाली है। इसके साथ ही यहां पर एक नई तकनीक का इजाद किया जाने वाला है। अब किचन कचरा से कंपोस्ट बनाने की तैयारी चल रही है। पहले भी यहां पर कंपोस्ट बनाया जाता था, लेकिन इसे अब और बेहतर तरीके से बनाने की कवायद हो रही है। सदर अस्पताल के बाहरी व पिछले हिस्से में बेहतर जड़ी बूटियों की बागवानी की जा रही है। कई ऐसे पौधे लगाएं गए है। जो कई रोगों में असाध्य रामबाण का काम करता है। इन बगीचे को सहेजने के लिए ही यहां पर किचने वेस्टेज से कंपोस्ट बनाने की स्कीम है।

- सदर अस्पताल में संचालित है दो किचन

सदर अस्पताल में फिलहाल दो किचन का संचालन किया जा रहा है। यहां पर जीविका दीदी द्वारा संचालित दीदी की रसोई व जीएनएम स्कूल में किचन का संचालन किया जा रहा है। इस कारण बचे सामान को इधर-उधर नहीं फेंककर एक निश्चित जगह बनाया गया है। जहां पर वेस्टेज कचरे को एकत्र कर अस्पताल के पिछले हिस्से में दो स्टोरेज हाल में सूखा व गीला कचरा को जमा किया जाता है। इसके बाद इन हाल से एक निश्चित समय पर कंपोस्ट के रूप में कचरा को निकाला जाता है।

- किचन वेस्टेज में नहीं होता है प्लास्टिक का उपयोग

जीएनएम स्कूल में फिलहाल 180 लड़कियों के लिए खाना बनता है। जहां पर दोनों ही पाली में काफी मात्रा में भोजन तैयार किया जाता है। सबसे बड़ी बात यह कि यहां पर किचन वेस्टेज में एक भी प्लास्टिक का उपयोग नहीं किया जाता है। साथ ही यहां पर तैयार कंपोस्ट को कोई अन्य अस्पताल भी अपनी बागवानी के लिए लेना चाहता हो। तो यहां से कंपोस्ट लेने की इजाजत है।

यहां पर दो किचन का संचालन किया जा रहा है। जहां काफी मात्रा में वेस्टेज होता है। नई तकनीक को अपनाते हुए यहां पर कंपोस्ट तैयार किया जा रहा है। जिससे की यहां की बागवानी में काफी सहायता मिलती है। यहां तैयार कंपोस्ट अगर कोई अन्य अस्पताल भी लेना चाहे तो उन्हें दिया जाएगा। -अमरेश कुमार, अस्पताल प्रबंधक 

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