Environmental protection: तितलियों को भा रहा राजा का बसेरा, इल तितलियों का दीदार करने खूब पहुंच रहे लोग
राजा बोस ने तितलियों के संरक्षण के लिए घर पर तैयार किया बसेरा। तितलियों के इस बसेरे में राजा ने जोरा आक नींबू एकघोटा ललटेना बेल बैगन बेलिया करी जैसे पौधे लगाए हैं। ये पौधे तितलियों को आकर्षित करते हैं। इन्हें भोजन में केले और अनानास दिए जाते हैं।
भागलपुर [अभिषेक कुमार]। धूल-धुएं से जूझ रहे सिल्क सिटी में तितलियों का एक बसेरा भी है। यहां आप पक्षियों की चहचहाहट के साथ-साथ तितलियों की अठखेलियां भी देख सकते हैं। भीखनपुर के राजा बोस ने अपने घर के आगे 720 वर्ग फीट में इस बसेरे को तैयार किया है। अभी यहां 13 प्रजातियों की तितलियां आई हैं। इन तितलियों को देखने सुबह-शाम आसपास के बच्चे और बुजुर्ग पहुंचते हैं।
तितलियों के इस बसेरे में राजा ने जोरा, आक, नींबू, एकघोटा, ललटेना, बेल, बैगन बेलिया, करी जैसे पौधे लगाए हैं। ये पौधे तितलियों को आकर्षित करते हैं। इन्हें भोजन में केले और अनानास दिए जाते हैं। लाइम सो टेली, कॉमन मॉरमॉन, स्ट्रिप्ड एल्बाट्रोस, इवनिंग ब्राउन, कॉमन ट्रिगर, लाइम स्वेलो टेल, कॉमन जेय, पिकॉक बटरफ्लाई, कॉमन बारोन, ब्रांडेड स्वीफ्ट, पाओनियर व कॉमन मिमी प्रजातियों की तितलियां यहां हैं। राजा बताते हैं कि दो दशक पूर्व तक घर के गार्डन में तितलियां झुंड में मंडराती रहती थीं। अब इनकी संख्या नहीं के बराबर हो गई है। फरवरी में बेंगलुरु भ्रमण के दौरान उन्हें पता चला कि वहां भी लोग तितलियों की कम होती संख्या पर गंभीर हैं। कुछ लोगों ने घर के अंदर ही तितलियों के रहने के लिए बसेरे बना रखे हैं। इनमें तितलियों को आकर्षित करने वाले पौधे और भोजन की माकूल व्यवस्था की गई है। इन तिततियों के भोजन के लिए सड़े हुए केले, अनानास आदि की व्यवस्था की जाती है। भागलपुर लौटने के बाद बेंगलुरु की तर्ज पर ही इसकी शुरुआत की गई। राजा गार्डन में आने वाले हर बच्चे को यह समझाने का प्रयास करते हैं कि तितलियां बेहतर पर्यावरण की सूचक हैं। यदि आप अपने घर में लगाए पौधों और फूलों पर कीटनाशक दवाओं का प्रयोग करना बंद कर दें तो आपके घर भी रंग-बिरंगी तितलियां आने लगेंगी। कीटनाशक के बदले जैविक खाद, नीम व तंबाकू से तैयार दवाओं का इस्तेमाल लाभप्रद है। बाजार में मिलने वाली खाद और कीटनाशक दवाओं से तितलियों को नुकसान पहुंचता है। राजा बोस कैक्टस के भी शौकीन हैं। उन्होंने अपने घर पर दो सौ से ज्यादा प्रजातियों के कैक्टस भी लगाए हंै। इनके बेडरूम की खिड़कियों पर भी इसके गमले रखे हुए हैं। राजा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी काम कर रहे हैं।