पंचायत चुनाव की आहट से बदलने लगा गांव का माहौल, जोड़ तोड़ की शुरू हुई राजनीति
पंचायत चुनाव का समय धीरे धीरे नजदीक आते ही गांवों में चुनावी रणनीति तैयार होने लगी है। पंचायत के चौपालों पर भावी प्रत्यशी ने चौकड़ी लगानी शुरू कर दी है। अभी से ही अपनी जीत के हथकंडे तैयार किए जा रहे हैं।
जागरण संवाददात, मुंगेर । पंचायत चुनाव की तिथि नजदीक आते ही गांवों में माहौल बदलने लगा है। जिला परिषद, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, सरपंच, पंच और वार्ड सदस्य पद पर निर्वाचित जन प्रतिनिधि और चुनाव लडऩे के इच्छुक उम्मीदवार जनता की सेवा करने को तत्पर हो गए हैं। विभिन्न पदों पर लडऩे वाले इच्छुक उम्मीदवार जाति प्रमाण पत्र एवं चरित्र प्रमाण पत्र बनवाने का काम शुरू कर चुके हैं, ताकि नामांकन के समय उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हो ।
भावी प्रत्यशी लोगों से मांगने लगे हैं आशीर्वाद
भावी प्रत्याशी लोगों के बीच अपने आपको आने वाले चुनाव में फलां पद से उम्मीदवारी देने की बात करते देखे जा रहे हैं। लोगों से अभी से आशीर्वाद मांगने लगे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि चुनाव लडऩे के इच्छुक उम्मीदवार बड़े अदब से हाल समाचार पूछ रहे हैं। योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं, यह भी पूछते हैं। लगे हाथ योजनाओं का लाभ दिलाने में हरसंभव मदद का भरोसा भी दे रहे हैं। लाोगों को यह भी विश्वास दिला रहे हैं कि सब का समय एक जैसा नहीं रहता है, जब मेरा समय आएगा तब दिखा देंगे विकास का काम कैसे धरातल पर उतारा जाता है।
इस बार के चुनाव में वार्ड सदस्य पद के लिए भी होगा मारामारी
सरकारी नियम के अनुसार वार्ड क्रियान्वयन समिति को ही विकास का जिम्मा सौंपा गया है। ऐसे में वार्ड सदस्य को अच्छी कमाई हो सकती है। इसलिए, इस बार चुनाव में वार्ड सदस्य पद के लिए अधिक मारामारी है। चुनाव लडऩे के इच्छुक उम्मीदवार समाज सेवा का काम करने के लिए भी आगे आ रहे हैं । ग्रामीणों ने कहा कि कभी भी समाज की सहायता नहीं करने वालों को समाजसेवक का चोला ओढ़े देखना आश्चर्य भरा है। इस बार का पंचायत चुनाव काफी दिलचस्प भरा होगा। सबसे अधिक वार्ड सदस्य पद के लिए मारामारी होने की संभावना है। इस वार वार्ड सदस्य का कोई पद खाली नहीं रहेगा।
सामाजिक कार्यों में लेने लगे रूचि
लोगों से बातचीत नहीं करने वाले भी अब चुनाव में उतरने से पहले सामाजिक कार्यों में रुचि दिखला में लगे हैं, लेकिन जनता ऐसे लोगों को समझती है। सुनील कुमार, विकास कुमार, प्रमोद कुमार, अमन कुमार आदि ने कहा कि चुनाव के समय बहुत सारे नए नए नेता पैदा हो जाते हैं। जाति और पैसे के बल पर चुनाव जीतने की तैयारी अभी से शुरू हो गई है। पर ये पब्लिक है सब जानती है कि किस नेता को वोट देना है कौन हमारा सच्चा सेवक हो सकता है।