Teachers of Bihar : विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाई से दी संजीवनी, प्रतिभा निखारने का बेहतरीन मंच

Teachers of Bihar (TOB) शिक्षकों का शिक्षकों के लिए और शिक्षकों द्वारा संचालित प्रोफेशनल लर्निंग कम्यूनिटी है। यह सरकारी शिक्षकों का एक ऐसा समूह है जो बिहार के कर्तव्यनिष्ठ एवं नवाचारी शिक्षकों के प्रयासों को भी साझा करती है।

By Dilip Kumar shuklaEdited By: Publish:Wed, 27 Jan 2021 09:59 AM (IST) Updated:Wed, 27 Jan 2021 09:59 AM (IST)
Teachers of Bihar : विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाई से दी संजीवनी, प्रतिभा निखारने का बेहतरीन मंच
Teachers of Bihar : प्रतिभा निखारने का भी बेहतरीन मंच है।

बांका [राहुल कुमार]। Teachers of Bihar : कोरोना ने सबसे बड़ी चोट बच्चों की पढ़ाई को दी है। खासकर सरकारी विद्यालयों में पढऩे वाले गरीब परिवार के बच्चों के पास इस दौरान कोई उपाय नहीं सूझ रहा था। विद्यालयों में लगातार क्वारंटाइन सेंटर चल रहे थे या लॉकडाउन के कारण ताले लटके रहे।

ऐसे में टीचर्स ऑफ बिहार सोशल प्लेटफार्म के माध्यम से बांका के कुछ शिक्षकों ने शिक्षा की ज्योति जलाए रखने का प्रयास शुरू किया, वह भी बिना किसी सरकारी या विभागीय आदेश के। पूरी तरह गरीब बच्चों की सेवा भावना के लिए छठी से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को हर विषय की 50-50 ऑनलाइन कक्षाएं कराई गई। शिक्षकों के वाट्सएप ग्रुप सहित अन्य प्लेटफार्म से इसे हर शिक्षकों और अभिभावकों तक पहुंचाने का प्रयास किया गया।

बांका में इस मुहिम की अगुवाई खडिय़ारा उर्दू मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक उमाकांत कुमार ने की। उन्होंने खुद इस प्लेटफार्म के माध्यम से बच्चों को विज्ञान की 50 कक्षाओं के माध्यम से पाठ्यक्रम पूरा कराया। कड़वा सच यह भी है कि सभी बच्चों तक मोबाइल की अनुपलब्धता के कारण सीमित बच्चों को ही इसका लाभ मिल सका। इससे सरकारी विद्यालय में पढऩे वाले बच्चों को उम्मीद की एक किरण जरूर मिल गई। छह विषयों की पूरी 300 कक्षाएं अब भी ऑनलाइन और फेसबुक पेज पर उपलब्ध हैं। सरकारी विद्यालय के शिक्षकों का यह प्रयास निश्चित रूप से प्रशंसनीय है।

पढ़ाई के बाद क्विज से होता रहा मूल्यांकन

लॉकडाउन में दो महीने की कक्षा पूरी होने के बाद अब भी विद्यालय नहीं खुला है। ऐसे में इस सोशल प्लेटफार्म ने दम नहीं मारा। इन शिक्षकों ने ऑनलाइन ही इस क्विज में लगातार हिस्सा लिया।  इस माध्यम से वे लगातार उनके ज्ञान के स्तर में बढ़ोतरी कर रहे हैं। शिक्षक उमाकांत बताते हैं कि लॉकडाउन में बच्चों की पढ़ाई बाधित थी, शिक्षकों का समय भी बेकार हो रहा था। ऐसे में उन्होंने कई और इच्छुक विशेषज्ञ शिक्षकों की सहायता प्राप्त की। इसके माध्यम से बांका ही नहीं बिहार के बच्चों को कुछ देने का प्रयास किया। शिक्षकों ने इसके माध्यम से अपना धर्म निभाया। सरकारी शिक्षकों ने इसके माध्यम से अपनी उपयोगिता भी साबित कर दिखाई। निश्चित रूप से हर शिक्षक को मनोयोग से अपने बच्चों को पढ़ाने की जरूरत है।

इंटरनेट म‍ीडिया के माध्‍यम से विद्या‍र्थियों का बढ़ा रहे ज्ञान

टीचर्स ऑफ बिहार (Teachers of Bihar- The change makers) के भागलपुर District Mentor खुशबू कुमारी ने कहा बिहार के कर्तव्यनिष्ठ एवं नवाचारी शिक्षकों के प्रयासों को भी यह ग्रुप साझा करती है। खुशबू भागलपुर के जगदीशपुर प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय बलुआचक की शिक्षिका हैं। वह टीचर्स ऑफ बिहार में सक्रिय रूप में योगदान दे रहीं हैं। Teachers of Bihar (TOB) के फाउंडर शिव कुमार ने बताया कि आज बड़े पैमाने पर इसकी प्रसिद्ध हो चुकी है। शिव कुमार प्राथमिक विद्यालय अराप, बिक्रम पटना के शिक्षक हैं। उन्‍होंने कहा कोरोना काल में इंटरनेट मीडिया के माध्‍यम से छात्र-छात्राओं को लगातार पढ़ाया जा रहा है। निष्‍ठा प्रोग्राम में भी यह ग्रुप सहयोग कर रही है। साथ ही शिक्षकों में गुणात्‍मक विकास के लिए उन्‍हें प्रशिक्षण दिया जाता है।

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