तारापुर विधानसभा उपचुनाव: खोई प्रतिष्ठा बचा पाएगी कांग्रेस व राजद! BJP-JDU एक साथ, चिराग किसका खेल बिगाड़ेंगे
तारापुर विधानसभा उपचुनाव सत्ता और विपक्ष ने झोंकी ताकत बूथ स्तर पर प्रभारी तैनात। बताया जा रहा है कि यहां जदयू और राजद के बीच लड़ाई है। कांग्रेस और चिराग ने भी अपने-अपने प्रत्याशी उतारे हैं। हर कोई यहां से जीतना चाहता है।
संवाद सूत्र, हवेली खडग़पुर (मुंगेर)। तारापुर विधानसभा उप चुनाव सतारूढ़ दल से लेकर विपक्ष ने ताकत झोंक दी है। जदयू अपनी सीट को बरकरार रखने के लिए विधानसभा क्षेत्र में जगह-जगह लोगों से जनसंपर्क कर रहे हैं। सांसद, विधायक, मंत्री के अलावा संगठन के पदाधिकारियों की बूथ सेक्टर प्रभारियों को तैनात किया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी 25 और 26 अक्टूबर को विधानसभा क्षेत्र के अलग-अलग जगहों पर सभा करेंगे। राजद अपनी खोई हुई सीट को फिर से पाले में लाने के लिए प्रयास में है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह मुंगेर में कैंप किए हुए हैं। हर दिन एक प्रखंड में आधा दर्जन से ज्यादा गांवों का भ्रमण कर एनडीए प्रत्याशी के समर्थन में वोट मांग रहे हैं।
नौ प्रत्याशी है मैदान में
तारापुर विधानसभा उपचुनाव में कुल नौ प्रत्याशी चुनाव मैदान में खड़े हैं। एनडीए समर्थित जदयू से राजीव कुमार सिंह, राजद से अरुण कुमार साह, कांग्रेस से राजेश कुमार मिश्रा, लोजपा (रामविलास) से कुमार चंदन, दी प्यूरल्स पार्टी के विशिष्ट नारायण, राष्ट्रीय जन संभावना पार्टी के उपेंद्र सहनी, अंशु कुमारी, शिव गांधी व दीपक कुमार खड़े हैं।
कांग्रेस व राजद खोई प्रतिष्ठा के जुगाड़ में
तारापुर विधानसभा सीट को कांग्रेस ने वर्ष 1995 में तो राजद ने वर्ष 2010 में छोडऩा पड़ा। दोनों राजनीतिक दल अपनी खोई हुई सीट वापस लाने की तैयारी में एड़ी चोटी एक किए हुए है। सत्ता में काबिज एनडीए भी इस सीट को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है। तारापुर विधानसभा का उप चुनाव 30 अक्टूबर को है। मतदान के नौ दिन शेष रह गए हैं।
मांगे वोट
युवा राजद के प्रदेश प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी अरुण कुमार यादव ने तारापुर विधानसभा उप चुनाव में राजद प्रत्याशी के समर्थन में तारापुर विधानसभा क्षेत्र के दर्जनों गांवों में वोट मांगे। उन्होंने कहा कि एनडीए की सरकार में बेरोजागारी और महंगाई से लोग परेशान हैं। वहीं, भाजपा और जदयू के कई बड़े नेता वहां पहुंचे हुए हैं। वे राजद के पुराने शासन काल की याद दिलाते हैं। और विकास के नाम पर जदयू प्रत्याशी को वोट डालने की अपील कर रहे हैं।