समृद्धि की खुशबू से महिलाओं का घर महका रहीं स्वर्ण संध्या
भागलपुर [ललन तिवारी] नारी सशक्तीकरण की मिसाल सबौर की खानकित्ता निवासी स्वर्ण संध्या भारती इ
भागलपुर [ललन तिवारी]
नारी सशक्तीकरण की मिसाल सबौर की खानकित्ता निवासी स्वर्ण संध्या भारती इलाके में मशरूम दीदी के नाम से जानी जाती हैं। मशरूम उत्पादन कर स्वयं अपने परिवार को समृद्धि की ओर तो ले गई। साथ ही एक हजार महिलाओं को अब तक इस व्यवसाय से जोड़कर उन परिवारों का भी जीवन संवार रही हैं।
पांच वर्ष पहले जहां आर्थिक बदहाली में जीवन बोझ लग रहा था। वहीं आज संपन्नता के द्वार पर दस्तक दे रहा है। कृषि विज्ञान केंद्र सबौर की गृह विज्ञानी अनीता कुमारी के प्रेरणा से मशरूम में प्रशिक्षण लेकर उत्पादन करने लगी। आज मशरूम के कई उत्पाद बरी, आचार आदि का निर्माण करती हैं। गुणवत्तापूर्ण उत्पाद की वजह से मशरूम घर से ही ग्राहक ले जाते हैं। उधर, गांव और आसपास के क्षेत्रों में मशरूम उत्पादन के लिए एक हजार महिलाओं को प्रेरित और प्रशिक्षित किया है। चालीस समूह की महिलाएं उत्पादन आरंभ कर चुकी हैं। केवीके उन्हें अब मास्टर ट्रेनर के रूप में बुलाता है।
स्वर्ण संध्या भारती कहती हैं कि जीवन में कुछ भी मुश्किल नहीं है। लगन और उसके प्रति समर्पण होना चाहिए। जहां भोजन के लाले थे, वहीं दो बेटे बेहतर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। एक बीएचयू में शिक्षा ग्रहण कर रहा है तो दूसरा आइएससी कर रहा है। खेत में पति के साथ कुदाल चलाती थीं, लेकिन इतनी मेहनत के बाद भी जिंदगी बदहाल थी। उन्होंने कहा कि मशरूम ने मुझे दूसरा जीवन दे दिया है। एटीएम की तरह है। अभी पैक किया और अभी ही बेच कर नकद मिल गया।
लोग दूरदराज से मशरूम दीदी को मशरूम की तकनीक लेने के लिए बुलाते हैं। सभी प्रकार के मशरूम को भूसा, पुआल किसी भी चीज से उत्पादन करने में इन्हें महारथ हासिल है।