भागवत कथा : बोले अनंताचार्य- बंदर हमारे पूर्वज नहीं, हम ईश्वर से संतान
भागलपुर के चुनिहारी टोला स्थित राधा माधव मंदिर में स्वामी अनंताचार्य जी महाराज का प्रवचन सुनने के लिए काफी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। कोरोना काल में आयोजित इस कार्यक्रम में शारीरिक दूरी का पालन किया जाता है।
भागलपुर, जेएनएन। चुनिहारी टोला स्थित राधा माधव मंदिर में भागवत कथा के दौरान कपिल के शास्त्र अनुसार सृष्टि प्रकल्प का वर्णन करते हुए स्वामी अनंताचार्य जी ने बुधवार को प्रवचन के दौरान कहा कि सृष्टि शून्य से प्रारंभ हुई है। उन्होंने कहा कि वायु से अग्नि, अग्नि से जल और जल से पृथ्वी की उत्पत्ति हुई है। पांच तत्वों का निरुपण ब्रहमा जी ने किया।
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि न्यूटन ने कहा था कि पृथ्वी में गुरुत्वाकर्षण बल रहता तो आग की लौ उपर की ओर क्यों जाती है। इससे न्यूटन का गुरात्वाकर्षण नियम का खंडन होता है। अथर्वेद के अनुसार जिस वस्तु का उत्पत्ति जहां से होत है, वह उसी में समाता है। इस कारण अग्नि की लौ सूर्य की ओर बढ़ता है। अनंताचार्य जी महाराज ने कहा कि मनुष्य की उत्पत्ति ईश्वर से हुई है। हमारे पूर्वज कोई बंदर नहीं हैं। इसलिए मनुष्य हमेशा ईश्वर में विलिन होता है।
वृंदावन के संत अनंत श्री विभूति जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी अनंताचार्य जी महाराज का सात दिवसीय प्रवचन के तीसरे दिन कथा सुनने काफी संख्या में लोग राधा माधव मंदिर पहुंचे। इस दौरान भजन संगीत का दौर चलता रहा। अनंताचार्य जी ने कहा कि हमलोगों को आर्य कहा जाता है। क्योंकि हमलोग विष्णु के संतान है। अरि का पुत्र होने के कारण हमलोगों को आर्य कहा जाता है। इस अवसर पर यजमान सह मुख्य आयोजक अवधेश कुमार तिवारी ने सभी को भंडारे में प्रसाद वितरण किया। सुबह के समय मंदिर में पूजा के दौरान भी भक्तों की भीड़ रहती है। इन दिनों राधा माधव मंदिर पूरी तरह भक्ति की धारा बह रही है।
कथा के दौरान भजन
भागवत कथा के दौरान भजन-संगीत का दौर चलता रहा। स्वामी अनंताचार्य सहित भजन मंडली शामिल गायकों ने वाद्य यंत्र की धून पर भक्ति संगीत का समा बांध दी। इस दौरान उनके गाये भजनों को सुनकर श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए। ताली बाजकर नृत्य कर रहे थे।