Supaul News: जलापूर्ति नहीं कर रहा सोलर वाटर प्लांट, अधिकांश आयरन रिमूवल प्लांट हुए बेकार, पेयजल संकट से जूझ रहे लोग
सुपौल के लोग इस दिनों पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। पीएचईडी द्वारा क्षेत्र में लगाए गए आयरन रिमूवल प्लाट बेकार हो चुके हैं। पंचायत स्तर पर जलापूर्ति योजना के तहत लगाए गए मिनी जलापूर्ति प्लांट का भी बुरा हाल है। इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
संवाद सूत्र, मरौना (सुपौल)। तिलयुगा व कोसी जैसी नदियों से घिरे होने के कारण निर्मली अनुमंडल क्षेत्र में पानी की कमी नहीं है परंतु लोगों को शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो पा रहा है। इस क्षेत्र के अधिकांश जलश्रोतों में आयरन, फ्लोराइड, नाइट्रोजन आदि प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। लोग शुद्ध पेयजल के अभाव के कारण इसी दूषित जल का उपयोग कर रहे हैं। पीएचईडी द्वारा क्षेत्र में लगाए गए आयरन रिमूवल प्लाट बेकार हो चुके हैं। पंचायत स्तर पर जलापूर्ति योजना के तहत लगाए गए मिनी जलापूर्ति प्लांट का भी बुरा हाल है। इसका उदाहरण क्षेत्र के गनौरा पंचायत के मंगासिहोल गांव में देखा जा सकता है।
यहां सोलर द्वारा संचालित मिनी जलापूर्ति प्लांट होने के बावजूद गांव के लोग दूषित जल पीने को विवश हो रहे हैं। जानकारी के अनुसार यहां 07 वर्ष पूर्व जलापूर्ति योजना के तहत विभागीय स्तर पर मिनी जलापूर्ति प्लांट लगाया गया। गांव में पाइप बिछाकर जल आपूर्ति आरंभ की गई। उस समय गांव के लोगों में काफी खुशी थी कि उन्हें अब दूषित जल पीने की मजबूरी नहीं रहेगी। उनकी यह खुशी तीन माह के अंदर ही गायब होने लगी जब उक्त प्लांट में गड़बड़ी आने लगी और जलापूर्ति ठप होने लगी। यह प्लांट उसी समय से नहीं चल रहा है। अब तो यहां सोलर भी दिखाई नहीं पड़ता। अब इसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है। ग्रामीण सतीश कुमार, अमित कुमार के अनुसार जलापूर्ति प्लांट आरंभ से प्राय: खराब रहा।
संवेदक द्वारा जैसे-तैसे कार्य कर तत्काल जलापूर्ति आरंभ तो की गई परंतु गुणवत्ताविहीन कार्य होने के कारण यह बेकार पड़ा है। शिकायत के बाद भी इसे आज तक ठीक नहीं किया जा सका। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इसे लेकर कई बार विभाग को शिकायत भी की। इधर वही हाल छरापट्टी, कामरैल आदि जगहों पर स्थापित मिनी जलापूर्ति प्लांट का भी है। गिदराही जलमीनार से दो साल पूर्व दो सोलर प्लेट की चोरी हो गई जो अबतक नहीं लगवाया जा सका है।