Supaul News: कर्मियों और संसाधनों की कमी से बदहाल है प्रतापगंज पीएचसी, दवाओं का भी टोटा

सुपौल में सरकारी अस्पतालों की स्थिति ठीक नहीं है। डाक्टर व कर्मियों के अभाव में मरीजों का प्राथमिक उपचार भी सुलभ तरीके से संभव नहीं हो पा रहा है। यहां सर्दी जुकाम बुखार सामान्य प्रसव आदि को छोड़ अन्य किसी भी उपचार के लिए भी...

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 05:18 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 05:18 PM (IST)
Supaul News: कर्मियों और संसाधनों की कमी से बदहाल है प्रतापगंज पीएचसी, दवाओं का भी टोटा
सुपौल में सरकारी अस्पतालों की स्थिति ठीक नहीं है।

संवाद सूत्र, प्रतापगंज (सुपौल)। एक लाख से अधिक आबादी वाले प्रतापगंज प्रखंड क्षेत्र के अलावा अन्य प्रखंडों के सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने वाले एकमात्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रतापगंज की स्थिति संसाधन व कर्मियों के अभाव में बदहाल है। यहां सर्दी, जुकाम, बुखार, सामान्य प्रसव आदि को छोड़ अन्य किसी भी उपचार के लिए रेफरल अस्पताल सिमराही या फिर अन्यत्र रेफर करना ही एकमात्र विकल्प है। डाक्टर व कर्मियों के अभाव में मरीजों का प्राथमिक उपचार भी सुलभ तरीके से संभव नहीं हो पा रहा है।

सीएचसी के भवन में चल रहा पीएचसी

पीएचसी का ग्रेडेशन सामूहिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) करने हेतु 2016 में करोड़ों की लागत से इमारत का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया। सरकार व क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता की वजह से सीएचसी की सुविधा तो दूर पीएचसी की पूरी सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई जा सकी। सीएचसी के भवन में पीएचसी संचालित हो रहा है। कर्मियों के रहने के लिए आवास की कमी है तो पीएससी को अपना न तो पर्याप्त भवन है ना ही चारदीवारी।

दवा का अभाव

यहां दवा का अभाव रहता है। इमरजेंसी सेवा के लिए कई महीनों से पारासिटामोल के एंपल, गैस, एंटीएलर्जिक, नेबोलाईजर मशीन, ग्लूकोमीटर आदि बेसिक दवा व मशीन तक उपलब्ध नहीं है। व्यवस्था की कमी का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है।

कहते हैं मरीज के स्वजन

देखने में खूबसूरत प्रसव कक्ष के अंदर प्रसव के लिए ग्रामीण क्षेत्रों से पहुंची प्रसूता व उनके स्वजन के साथ ड्यूटी पर कार्यरत सफाई व अन्य कर्मियों के द्वारा नाजायज रूप से पैसे की वसूली का खेल शुरू हो जाता है। पीएचसी में भ्रष्टाचार मुक्त का दावा फेल होता दिख रहा है। रविवार को गोङ्क्षवदपुर पंचायत के गढिय़ा गांव की रहने वाली बीबी अबरुन, बीबी मिहारुन, सुखानगर पंचायत की पुनिता देवी बताती हैं कि प्रसव के बाद सफाई व अन्य कारणों का हवाला देकर ड्यूटी पर तैनात कर्मी पैसा ऐंठ लिया है। स्वजनों ने बताया कि यहां गरीबों के साथ पैसे का खेल ही होता है।

कहते हैं प्रभारी

जो भी संसाधन उपलब्ध है वह सबके सामने में है। विभाग भी इससे अनभिज्ञ नहीं है। ऐसे में किसी भी प्रभारी के लिए अस्पताल का संचालन कर पाना सिर्फ उनके विवेक पर ही निर्भर है।

डा. एचपी साहू

चिकित्सा प्रभारी

्र

कर्मी के स्वीकृत पद-पदस्थापित

चिकित्सक 08-03

कंपाउंडर 02-00

ड्रेसर 02-00

भंडारपाल 01-00

फार्मासिस्ट 02-01

डब्ल्यूएचएस 02-00

वार्ड कक्ष सेवक 02-01

लैब टेक्नीशियन 02-01

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