Supaul : किसानों की आय होगी दोगुणी... फूलों की खेती के लिए आधा खर्च देगी सरकार, इस तरह किसान बढ़ सकते हैं अपनी आमदनी

फूलों की खेती से किसानों की आमदनी बढ़ेगी। इसके लिए सरकार खेती का आधा खर्च उठाएगी। उदयान विभाग की ओर से इसकी खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही उन्‍हें बाजार तक उपलब्‍ध कराने में मदद की जाएगी।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 03:53 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 03:53 PM (IST)
Supaul : किसानों की आय होगी दोगुणी... फूलों की खेती के लिए आधा खर्च देगी सरकार, इस तरह किसान बढ़ सकते हैं अपनी आमदनी
फूलों की खेती से किसानों की आमदनी बढ़ेगी।

सुपौल [सुनील कुमार]। गेंदे के फूल से अब महकने लगी है किसानों की बगिया। तैयार हो चुके इन फूलों से किसानों को अच्छी खासी आमदनी भी हो जा रही है। जिससे किसान आर्थिक रूप से संबल हो रहे हैं। दरअसल कृषि विभाग ने जिले में अन्य फसलों के साथ-साथ इस इस बार 10 एकड़ खेतों में गेंदे फूल की खेती करवाई थी। जिसके लिए किसानों को 50 फ़ीसद का अनुदान भी दिया गया। खेतों में लगाए गए गेंदे के फूल अब तैयार हो चुके हैं। जिसकी बिक्री भी किसानों द्वारा की जाने लगी है। हालांकि कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन का असर फूलों के बाजार पर भी दिखाई दे रहा है। परंतु किसानों का कहना है कि जब से लॉकडाउन में ढील दी गई है और बाजार खुलने लगे हैं फूलों को भी बाजार उपलब्ध होने लगा है।

कहते हैं फूल उत्पादक

पिपरा प्रखंड के कटैया माहे निवासी किसान परमेश्वरी मंडल ने बताया कि उद्यान विभाग की पहल पर उन्होंने पहली बार 1 एकड़ खेतों में गेंदे के फूल की खेती की थी। इसके लिए उन्हें विभाग द्वारा पौधे उपलब्ध कराए गए। इसके अलावा उन्हें अनुदान भी दिया गया। बताया कि पौधे लगाते समय मन में तरह-तरह के विचार आ रहे थे, डर था कि खेती कैसी होगी। आशंका फूलों के बाजार को लेकर भी था। बावजूद हिम्मत कर एक एकड़ खेतों में इसकी खेती की। मेहनत और लागत पर फूल की खेती बेहतर हुई है। लगभग सभी पौधों में फूल लग चुके हैं जिन्हें करीब एक महीने से बेच भी रहे हैं। अभी पौधे फूल से लदे हैं। बाजार को ले उन्होंने अन्य शहरों से भी संपर्क साधा है। जिन्हें फूल का सैंपल भी भेजा गया है। फूमेंल की क्वालिटी को देख धीरे-धीरे डिमांड भी आने लगा है। यदि उन्हें बाजार मिल जाए तो किस्मत भी फूट गई तो चार लाख तक की आमदनी हो जाएगी। बताया कि इस बार उन्होंने फूल की खेती का मर्म जाना है। अगले वर्ष इससे अधिक रकबा में खेती करेंगे।

लॉकडाउन का दिख रहा असर

दरअसल कोरोना संक्रमण की रोकथाम को ले लगाए गए लॉकडाउन का असर फूल के बाजार पर भी पड़ा है। अक्सर फूलों का डिमांड शादी विवाह व अन्य अवसर के साथ-साथ पूजा अर्चना में की जाती है। लेकिन लॉकडाउन के कारण इन सभी चीजों पर प्रतिबंध लगे रहने के कारण फूलों के बाजार पर भी इसका असर पड़ा। जिसके कारण जिले में फूल को जो बाजार मिलनी चाहिए थी वह नहीं मिल पाई। अब जबकि लॉकडाउन में ढील दी गई है तो अन्य चीजों के साथ साथ फूलों को भी बाजार मिल जा रहा है।

कहते हैं फूलों के व्यवसाई

फूलों के व्यवसाय से जुड़े अर्जुन कुमार, मनोहर कुमार ने बताया कि हाल के दिनों में बड़े शहरों की तर्ज पर अब सुपौल शहर में भी फूल की डिमांड अच्छी खासी हो रही है। इससे पहले कच्चे फूल के लिए उन लोगों को पटना, कोलकाता या अन्य शहर पर निर्भर रहना पड़ता था। लेकिन जब से स्थानीय स्तर पर फूल का उत्पादन किसानों द्वारा किया जाने लगा है उन लोगों को काफी सहूलियत हुई है। एक तो सस्ते दर पर स्थानीय स्तर पर ही फूल उपलब्ध हो जा रहे हैं। दूसरी ओर इसे रखरखाव की ङ्क्षचता भी नहीं रहती है। डिमांड के अनुकूल स्थानीय स्तर से फूल मंगा लिया जाता है।

इस वर्ष जिले में 10 एकड़ खेतों में गेंदे के फूल की खेती करवाई गई है। इसके लिए किसानों को पौधे के साथ-साथ अनुदान भी दिया गया है। किसानों से रिस्पांस भी अच्छा मिल रहा है। निश्चित ही आने वाले दिनों में कोसी का यह सुपौल जिला फूल उत्पादन मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा। किसानों का रुझान फूल की खेती की ओर बढऩे लगा है। -आकाश कुमार, जिला उद्यान पदाधिकारी

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