बांका में पांच हजार लोगों की प्यास बुझाने की ओर सुखनिया ने बढ़ाया कदम, बड़ी राहत
बांका में पेयजल संकट से निपटने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। सुखनियां पंप हाउस ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। बांका में पुरानी पाइप लगाने की हो रही शहर में तरह-तरह की चर्चा। 6.50 करोड़ की लागत से बन रही योजना।
बौंसी (बांका) [शंकर मित्रा]। पानी की समस्या से निपटने के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए सुखनियां पंप हाउस को तैयार किया गया है। लगभग साढ़े छह करोड़ की लागत से बन रही उक्त योजना से आगामी 15 अक्टूबर 2021 तक पेयजलापूर्ति होने की संभावना है। लगभग 14 किलोमीटर तक पाइपलाइनिंग का काम पूरा होने से लगभग पांच हजार लोगों की प्यास बुझेगी। फिलहाल 985 घरों में कनेक्शन कर पानी की आपूर्ति की जाएगी। इससे शहर में पानी की दिक्कत काफी हद तक निपट जाएगी। आगे 10 हजार कनेक्शन की योजना है। इससे पचास हजार को लाभ मिलेगा।
ज्ञात हो कि बौंसी में पानी की समस्या नई नहीं है। खास तौर पर गर्मियों में लोगों को बूंद-बूंद पानी के लिए जूझना पड़ता है। हालांकि परियोजना स्थापित होने में पुरानी पाइप लगाई गई है। जिसकी शहर में चर्चा है। पर विभाग का कहना है कि इसे बदल दिया जाएगा।
पांच लाख लीटर की क्षमता वाला बना है पानी की टंकी
पांच लाख लीटर क्षमता का वाटर टावर बना है। 10 लाख लीटर स्टाक का नीचे फिल्ट्रेशन टंकी में पानी रिजर्व रखकर पानी की सप्लाई की जाएगी। चार जोन यथा दुमका रोड बाजार मार्ग, लक्ष्मीपुर डैम रोड, भागलपुर रोड और रेलवे स्टेशन रोड में पांच-पांच स्टैंड पोस्ट के 20 स्थान पर नलका स्टैंड पोस्ट रहेगा। नयागांव वाटर टावर से भी पेयजल आपूर्ति जल्दी आरंभ होंगे।
व्यवसायिक संघ अध्यक्ष राजीव कुमार सिंंह ने कहा कि बौंसी कस्बा मंदार नगर पंचायत घोषित हो गया है। इसलिए संपूर्ण नगर पंचायत क्षेत्र में इस वाटर सप्लाई की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य है। डा. सरिता घोष ने कहा 35 साल से शहर के लोग शुद्ध पानी के लिए तरस कर रह गए थे। शांतनु सिंह ने कहा कि गुणवत्ता पूर्ण काम होना चाहिए। वर्क इंचार्ज गोपाल झा ने बताया कि पानी टंकी के लिए जितना जमीन उपलब्ध होना चाहिए उतना नहीं हो पाया है। कम जमीन में सभी तरह के कार्यों को पूरा किया जाना परेशानी का सबब बना है।
1972 में बना है सुखनियां पंप हाउस
सुखनिया पंप हाउस की स्थापना 1972 में बनी है। तकरीबन 10- 15 साल चलने पर बीच में ट्रांसफार्मर खराब होने से जलापूर्ति बाधित रही। 1995 की आई बाढ़ में नदी का पाइपलाइन ध्वस्त हो गया था। विभाग द्वारा किसी तरह पाइप लाइन ठीक कराया गया। लेकिन जलापूर्ति ठीक ढंग से नहीं चल पायी। सड़क दोहरीकरण में पाइपलाइन को उखाड़ दिया गया था। 2015 से ही पाइप लाइन और टंकी का डीपीआर बनने के बाद 2019 साढ़े छह करोड़ की लागत से निर्माण कार्य शुरू हुआ है।
इस गांव को मिलेगा लाभ
टोला दलिया, मुस्लिम टोला, थाना कालोनी, मारवाड़ी टोला, पाठक टोला, भैया भीठा, रेलवे स्टेशन रोड, रामनगर, पंडा टोली, बरहमपुर आदि मोहल्ला के छह -सात वार्ड को पानी मिलेगा।
डेढ़ माह के अंदर इसे चालू किया जाएगा। 60 प्रतिशत पाइप लाइन का काम पूरा हो गया है। लगभग पांच हजार लोगों को प्यूरीफाइड पानी मिलेगा। इसके लिए काम जारी है। - राजीव रंजन लाल, कार्यपालक अभियंता, पीएचईडी