कोरोना से नौनिहालों के भविष्य पर ब्रेक, 55 हजार बच्चों का नहीं हो सका नामांकन

कोरोना के कारण एक वर्ष से स्‍कूल बंद है। स्कूल बंद होने और विद्यालय त्याग पत्र नहीं मिलने की वजह से करीब 55 हजार बच्चों का नहीं हो सका नामांकन। 27 मार्च से 18 अप्रैल तक बंद है जिले के सरकारी स्कूल। खुलने की अभी संभावना नहीं दिख रही है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 10:25 AM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 10:25 AM (IST)
कोरोना से नौनिहालों के भविष्य पर ब्रेक, 55 हजार बच्चों का नहीं हो सका नामांकन
कोरोना के कारण बच्‍चों की पढ़ाई बाधित है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। कोरोना की वजह से जिले के करीब 55 हजार बच्चों के भविष्य पर ब्रेक लग गया है। कोरोना की नई गाइड लाइन के बाद स्कूलें बंद हैं। इस कारण बड़ी संख्या में बच्चों का नामांकन नहीं हो सका। अब स्कूल खुलने के बाद ही बच्चों का दाखिला संभव दिख रहा है। स्कूलों में 2021-22 सत्र की पढ़ाई एक अप्रैल से लागू कर दी गई है। 25 अप्रैल तक जिले में प्रवेशोत्सव अभियान के तहत बच्चों का नामांकन लिया गया। इसके बाद 27 अप्रैल से पांच अप्रैल तक होली की छुट्टी हो गई। छह अप्रैल से बच्चों का नामांकन कार्य शुरू होता पर इससे पहले सूबे में कोरोना का प्रकोप बढऩे लगा और सरकार ने 18 अप्रैल तक स्कूलों को बंद कर दिया। 

एसएलसी नहीं मिलने से परेशानी

प्राथमिक विद्यालय से निकलने के बाद मध्य विद्यालय और मध्य विद्यालय से निकलने के बाद उच्च विद्यालयों में नामांकन के लिए स्कूल लिविंग प्रमाण पत्र (एसएलसी) की जरूरत पड़ती है। लेकिन एसएलसी नहीं मिलने के कारण बच्चों का नामांकन नहीं हो सका। एसएलसी के लिए शिक्षा विभाग कार्यालय में स्कूलों ने सूचना भी दी थी। होली के अवकाश के बाद स्कूलों को एसएलसी भेजने की प्रक्रिया शुरू होती। लेकिन स्कूल अभी बंद है, ऐसे में टीसी नहीं भेजी गई। अब स्कूल खुलने के बाद स्कूलों को टीसी उपलब्ध कराई जाएगी, इसके बाद बच्चों का नामांकन होगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि स्कूल खुलने के बाद सब कुछ सामान्य हो जाएगा। नामांकन से वंचित बच्चों का नामांकन किया जाएगा। 

chat bot
आपका साथी