एक बार फ‍िर स‍ुर्खियों में आया राजद, भागलपुर में छात्र नेता लालू ने TMBU के प्रोफेसर को पीटा

एक बार फ‍िर राजद सुर्खियों में है। छात्र राजद नेता लालू और उसके कुछ साथियों ने पिछले दिनों तिमांविवि के प्रोफेसर डॉ. दिव्यानंद देव की पिटाई कर दी। इस मामले की जांच के लिए कुलपति ने एक कमेटी का गठन किया है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Thu, 01 Apr 2021 01:15 PM (IST) Updated:Fri, 02 Apr 2021 04:33 PM (IST)
एक बार फ‍िर स‍ुर्खियों में आया राजद, भागलपुर में छात्र नेता लालू ने TMBU के प्रोफेसर को पीटा
तिमांविवि के प्रोफेसर को छात्र राजद नेता ने पीट दिया।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। राजद की छात्र इकाई एक बार फ‍िर सुर्खियों में है। राजद के छात्र नेता लालू ने चार दिन पहले तिलकामांझी भागलपुर विश्‍वविद्यालय के प्रोफेसर को थप्‍पड़ जड़ दिया। वो भी उस समय जिस समय वे कक्षा ले रहे थे। मामला फ‍िर से तूल पकड़ने लगा है। प्रोफेसर लगातार न्‍याय की गुहार लगा रहे हैं। लेकिन कोई उनकी सुनने वाला नहीं है। हालांकि लालू की इस हरकत की जांच करने के लिए कुलपति ने कमेटी गठित की है। कमेटी ने अभी तक रिपोर्ट नहीं सौंपी है। रिपोर्ट आने के बाद यह उम्‍मीद है कि लालू के खिलाफ कार्रवाई होगी।

तीन दिनों के अंदर मांगी थी रिपोर्ट

तिमांविवि की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता द्वारा तीन दिनों के अंदर इस मामले की रिपोर्ट मांगी गई थी। सभी की नजर समिति की रिपोर्ट पर टिकी थी। बावजूद इसके मामले की जांच तक शुरू नहीं हो पाई है। समिति ने महज एक सामान्य बैठक कर निर्देशों की खानापूरी की। जिसमें शिक्षकों की पूर्व की मांग को ही दोबारा कुलपति के समक्ष रखने का निर्णय लिया गया।

पीडि़त शिक्षक से ली गई थी जानकारी

यही नहीं बैठक में पीडि़त पक्ष को तो बुलाया गया। किंतु आरोपित पक्ष से एक भी छात्र या किसी छात्र नेता को नहीं बुलाया गया। ऐसे में तीन दिनों की अवधि बीत जाने के बाद भी मामला जस का तस पड़ा हुआ है। जबकि इस मामले को लेकर शिक्षक और छात्र नेता आमने-सामने हो गए हैं। वे लोग लगातार एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप इंटरनेट मीडिया पर लगा रहे हैं। हालांकि विश्वविद्यालय अधिकारियों का कहना है कि होली की छुट्टी के कारण जांच नहीं हो सकी।

एक आरोपित छात्र नेता से हुई थी बात

प्रॉक्टर डॉ. रतन मंडल ने कहा कि कुलपति के आदेश पर अनुशासन समिति की सामान्य बैठक हुई थी। बैठक में पीडि़त शिक्षक से घटना के बारे में जानकारी ली गई थी। किंतु आरोपित पक्ष से संपर्क नहीं हो सका था। हालांकि आरोपित एक छात्र नेता को उन्होंने बुलाकर बात की थी। किंतु उन्होंने लिखित रूप में पूछने की बात कही। प्रॉक्टर ने कहा कि वे लोग अब कुलपति से विमर्श के बाद उनका निर्देश मिलने पर आगे की कार्रवाई करेंगे।

क्या है मामला

26 मार्च को बिहार बंद के दौरान छात्र राजद और अंग क्रांति सेना के लोग विश्वविद्यालय की विभिन्न इकाईयों को बंद करा रहे थे। इस दौरान छात्र संगठनों के लोग पीजी हिंदी विभाग बंद कराने पहुंचे। वहां डॉ. दिव्यानंद देव कक्षा ले रहे थे। इसी दौरान कुछ समर्थकों ने दिव्यानंद को पीट दिया। दिव्यानंद ने इस मामले में छात्र राजद के लालू, चंदन समेत कई लोगों पर विश्वविद्यालय पुलिस चौकी में केस दर्ज कराया था। इस घटना के ठीक दूसरे दिन अंग क्रांति सेना के गौतम ने भी हिंदी के शिक्षकों पर आरोप लगा शिकायत की थी।

असिस्टेंट प्रोफेसर से मारपीट मामले में गोलबंद होने लगे छात्र

तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के पीजी हिंदी विभाग के शिक्षक डॉ. दिव्यानंद देव के साथ हुई मारपीट का मामला तूल पकडऩे लगा है। शिक्षक के समर्थन में छात्र और छात्र संगठन सक्रिय हो गए हैं। गुरुवार को हिंदी विभाग के छात्रों का हुजूम विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन पहुंच गया। यह देख दरबान ने मुख्य द्वार बंद कर दिया। सूचना पर डीएसडब्ल्यू डॉ. राम प्रवेश सिंह मुख्य द्वार पहुंचे। छात्रों की मांग सुनने के बाद पांच लोगों के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए बुलाया। छात्रों के साथ डीएसडब्ल्यू ने प्रॉक्टर डॉ. रतन मंडल के साथ उनके चैंबर में वार्ता की। घटना की जानकारी ली।

छात्र राजद और अंग क्रांति सेना के लड़कों ने की थी मारपीट 

प्रशासनिक भवन पहुंचीं कुछ छात्राओं ने बताया कि 26 मार्च को कक्षा में बैठी थी। तभी अचानक छात्र राजद और अंग क्रांति सेना के लड़के पहुंचे। कक्षा का दरवाजा पीटना शुरू कर दिया। दिव्यानंद सर ने दरवाजा खोला तो उन लड़कों ने उन्हें घेर लिया। उन्हें खींचकर बाहर निकाल लिया। लालू और उसके कुछ साथियों ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। छात्रों ने आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग की। इसके अलावा पीजी विभागों में सीसी कैमरा लगाने, सुरक्षा गार्ड की तैनाती, विभागों में अनाधिकृत रूप से प्रवेश पर रोक और कॉलेजों मेें छात्र-छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। डीएसडब्ल्यू व प्रॉक्टर के समक्ष अपनी बात रखने के बाद प्रतिनिधि मंडल ने छह सूत्री मांग पत्र भी सौंपा। पीजी हिंदी के विभागाध्यक्ष और शिक्षक पर लगाए गए आरोपों पर छात्रों ने कहा कि वे लोग प्रत्यक्षदर्शी हैं। ऐसी कोई घटना ही नहीं हुई है।

अनुशासन समिति के समक्ष रखा जाएगा प्रत्यक्षदर्शी का बयान

प्रॉक्टर और डीएसडब्ल्यू ने सभी प्रत्यक्षदर्शी छात्र-छात्राओं का बयान दर्ज किया है। प्रॉक्टर ने कहा कि उनका बयान अनुशासन समिति के समक्ष रखा जाएगा। मामले की जांच में छात्रों के बयान को भी जोड़ा जाएगा। समिति की बैठक में आरोपित छात्रों से जवाब मांगने को लेकर चर्चा होगी। ताकि दोनों पक्षों की बात को समिति के समक्ष रखकर कुलपति को रिपोर्ट दी जा सके।

chat bot
आपका साथी