निष्क्रिय हो गए हैं TMBU के छात्र संगठन, आंदोलन के लिए स्टूडेंट खुद उठा रहे आवाज

पहले के छात्र आंदोलन से हिल जाती थीं अधिकारियों की कुर्सियां। अब वो बात नहीं रही। अब राजनीति ज्ञापन इंटरनेट मीडिया और बयानों तक ही सिमट कर रह गया है सबकुछ। टीएमबीयू के छात्र संगठन अब सिर्फ इंटरनेट मीडिया पर...

By Shivam BajpaiEdited By: Publish:Mon, 22 Nov 2021 11:26 AM (IST) Updated:Mon, 22 Nov 2021 11:26 AM (IST)
निष्क्रिय हो गए हैं TMBU के छात्र संगठन, आंदोलन के लिए स्टूडेंट खुद उठा रहे आवाज
सोशल मीडिया तक ही सिमटकर रह गए छात्र संगठन।

जागरण संवाददाता, भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) में हुए कुछ छात्र आंदोलन आज भी याद किए जाते हैं। तब होने वाले आंदोलनों से विवि के प्रशासनिक अधिकारियों की कुर्सियां तक हिल जाती थीं। यही कारण था कि कई अधिकारियों को अपना पद भी छोडऩा पड़ा। किंतु ऐसे छात्र आंदोलन अब कहानी बन चुके हैं। अब टीएमबीयू में छात्रों के मुद्दों पर छात्र संगठनों की सक्रियता ना के बराबर रह गई है। अब उनकी राजनीति ज्ञापन, इंटरनेट मीडिया और बयानों में सिमट कर रह गई है।

कई छात्र संगठन

यहां अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप), छात्र राष्ट्रीय जनता दल (छात्र राजद), नेशनल स्टूडेंट यूनियन आफ इंडिया (एनएसयूआइ), छात्र जनता दल यूनाइटेड (छात्र जदयू) जैसे बड़े संगठनों के अलावा आल इंडिया स्टूडेंट यूनियन (आइसा) ङ्क्षहदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम), अंग क्रांति सेना जैसे संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद हैं। उनकी कमेटियां बनी हुई हैं, लेकिन उनकी सक्रियता कागज बस कागज पर ही दिखती है।

इंटरनेट मीडिया और बयानबाजी में दिखती है सक्रियता

टीएमबीयू में आम छात्र अपनी मांगों को लेकर पहुंचते हैं। इसकी जानकारी यदि छात्र संगठनों को हो जाती है तो वे इंटरनेट मीडिया पर विवि प्रशासन के खिलाफ लिखकर भड़ास निकाल लेते हैं। आंदोलन के नाम पर वे विवि प्रशासन के खिलाफ बयान जारी करने तक ही सीमित रह गए हैं। बहुत अधिक हुआ तो उनका प्रतिनिधि मंडल एक ज्ञापन सौंप आया। ऐसे में अब आम छात्र खुद ही अपनी जायज मांगों को लेकर विवि पहुंच रहे हैं।

आम छात्र आए हैं आगे

कुछ माह पूर्व सेमेस्टर चार का परीक्षा कार्यक्रम जारी करने के लिए आम छात्र आंदोलन के लिए सामने आए। उनके और विवि कर्मियों के बीच झड़प भी हुई। इसके बाद पालिटिकल साइंस विभाग के मामले में भी आम छात्रों ने अपनी मांगें विवि के समक्ष रखी थी। हाल ही में जारी स्नातक परीक्षा परिणाम में त्रुटि सुधार के लिए आम छात्रों का ही जत्था विवि में आंदोलन के लिए पहुंचा था।

'विवि में छात्र कई समस्याओं से जूझ रहे हैं। बीपीएल कोटे से नामांकन समेत कई मुद्दे से छात्रों का भविष्य प्रभावित हो रहा है। ऐसे मुद्दों पर छात्र संगठनों की चुप्पी दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्हें लोकतांत्रिक तरीके से विवि के समक्ष अपनी मांगें रखनी चाहिए।' - डा. आनंद आजाद, पूर्व विवि अध्यक्ष छात्र राजद

'विवि में छात्र हित के मुद्दे पर छात्र संगठनों की निष्क्रियता शर्मनाक है। संगठन छात्रों के लिए है। यदि उनके रहते हुए भी छात्र समस्याओं से जूझते हैं तो यह सही स्थिति नहीं है। संगठनों को चाहिए कि वे छात्र की समस्याओं पर एकजुट होकर विवि प्रशासन के समक्ष मजबूती से मांग रखें।'- जय प्रीत मिश्रा, अध्यक्ष पूर्व छात्र संघ व पूर्व विवि संयोजक अभाविप

'अगले माह अभाविप के अधिवेशन के बाद संगठन छात्रों के मुद्दे पर जोरदार तरीके से अपनी बात रखेगा। इसके लिए रणनीति तय की जाएगा।' - संजय झा, संयोजक अभाविप, टीएमबीयू

'विवि में हुए कापी घोटाला मामले में संगठन की सक्रियता बनी हुई है। छात्रों के मुद्दे पर विवि के खिलाफ जल्द चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत होगी।' - दिलीप कुमार, अध्यक्ष छात्र राजद, टीएमबीयू

'पंचायत चुनाव के कारण कार्यकर्ता व्यस्त थे। कुछ माह पूर्व परीक्षा के मुद्दे पर आंदोलन हुआ था। जल्द ही विवि में छात्रों के मुद्दे को उठाया जाएगा।' - नीरज कुमार, अध्यक्ष एनएसयूआइ, टीएमबीयू

'प्रभारी कुलपति के विरुद्ध 10 माह पूर्व जोरदार आंदोलन हुआ था। इसके बाद संगठन की की गतिविधि कम हुई है। जल्द ही छात्रों के मुद्दे पर आंदोलन शुरू होगा।' - रूपेश यादव, अध्यक्ष छात्र जदयू, टीएमबीयू

'विवि में व्याप्त भ्रष्टाचार के मुद्दे पर संगठन ने हाल ही में आंदोलन किया है। परीक्षा का दौर खत्म होते ही फिर से संगठन अपनी सक्रियता बढ़ाएगा।' - शिशिर रंजन सिंह, संयोजक अंग क्रांति सेना

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