दुर्गा पूजा: कंचनगढ़ धरहरा में अंग्रेजों के समय से स्थापित हो रही मां की प्रतिमा, पूरी होती है हर एक मनोकामना

दुर्गा पूजा मुंगेर के कंचनगढ़ धरहरा में एक स्थान ऐसा है जहां अंग्रेजों के समय से ही मां की प्रतिमा की स्थापना की जा रही है। लोक आस्था का केंद्र यहां इस तरह है कि कहते हैं जो यहां मां सबकी मनोकामना पूरी करती हैं...

By Shivam BajpaiEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 05:57 PM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 05:57 PM (IST)
दुर्गा पूजा: कंचनगढ़ धरहरा में अंग्रेजों के समय से स्थापित हो रही मां की प्रतिमा, पूरी होती है हर एक मनोकामना
88 साल से कंचनगढ़ धरहरा में स्थापित होती आ रही प्रतिमा।

संवाद सूत्र, धरहरा (मुंगेर)। दुर्गा पूजा: धरहरा प्रखंड के कंचनगढ़ ग्राम में दुर्गा पूजा अंग्रेजो के समय से नवरात्र के अवसर पर मां की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की जाती आ रही है। 1932 में काली सिंह के सौजन्य से दुर्गा मंदिर का निर्माण कराया गया था। कहा जाता है कि इस मंदिर में मंगत मांगने वालों की सभी मुरादें पूरी होती है। इस कारण यहां पूजा में दूर दराज से भी लोग पहुंचते हैं। मंदिर में काफी भीड़ रहती है।

मंदिर का इतिहास

मां दुर्गा मंदिर का निर्माण सदियों पुराना है। यहां की मंदिर अंग्रेजों के समय से है। गांव के काली सिंह देख रेख करते थे। उन्होंने मंदिर का जीर्णोद्धार कराया। शरीर छोड़ने तक मंदिर में रहे अनुयायी यज्ञ तथा भंडारा करते थे। मंदिर का निर्माण अंग्रेजी हुकूमत के शासनकाल में हुआ था। 89 वर्षों से यहां माता की पूजा-अर्चना की जा रही है। धरहरा कंचनगढ़ का दुर्गा भगवती का मंदिर काफी प्रसिद्ध है। नवरात्र पर काफी भीड होती है ।

मंदिर की विशेषताएं

विश्व कल्याण के लिए समाजिक भदभावना का प्रतीक 1932 में गांव के ही काली सिंह ने मंदिर का निर्माण कराया था सामाजिक जाति भेदभाव को मिटाने की मिसाल है यह मंदिर मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में सभी समुदाय के लोग जयकारा लगाते हैं आपसी सौहार्द और मिल्लत के भाव का प्रतीक दूर दराज से लोग पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं मंदिर की प्रसिद्धि काफी दूर दूर तक है 89 वर्षों से यहां माता की पूजा अर्चना की जा रही है

'नवरात्र की पहली पूजा से संध्या महाआरती करने के लिए दर्जनों गांवों के महिलाओं की भीड़ लगती है। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर समिति के सदस्यों काम बंटा रहता है। मंदिर की देखरेख के लिए विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों नियुक्त किए गए हैं ,जो कर्तव्य निष्ठा से अपनी सेवा प्रदान करते हैं ।'- राधे श्याम सिंह, सचिव

'यहां प्रत्येक दिन संध्या आरती का प्रावधान है। खासकर दुर्गा पूजा में विशेष महाआरती व श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद वितरण किया जाता है। मंदिर का इतिहास काफी पुराना और समृद्ध है। नवरात्र में काफी भीड़ रहती है।'- नवल झा, पुजारी

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