सृजन महिला विकास सहयोग समिति के दस पद धारकों में शामिल थी अपर्णा, राजरानी और जसीमा, तीनों गिरफ्तार
Srijan scam Bhagalpur 23 अगस्त 2017 को सबौर थाने में तत्कालीन जिला पदाधिकारी के निर्देश पर दर्ज कराया गय था केस। अपराध के लिए आपराधिक केस दर्ज कराने का आदेश जिला पदाधिकारी ने 22 अगस्त 2017 को दिया था।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। अरबों रुपये के घोटाले की जिस सृजन महिला विकास सहयोग समिति नामक संस्था के जरिये नींव रखी गई थी उसके दस पद धारकों में अपर्णा वर्मा, राजरानी वर्मा और जसीमा खातून भी शामिल थी। जिसने अन्य पद धारकों की तरह तथ्यों को छिपाने, बैंकों के साथ किये जा रहे संव्यवहार का आंशिक तथ्य रखने आदि जैसे आपराधिक कार्य करने और एके मिश्रा एंड एसोसिएट की तरफ से किए गए वैधानिक अंकेक्षण प्रतिवेदन के आलोक में जानबूझ कर मिथ्या विवरणी बनाने, झूठी जानकारी देने। प्राधिकृत व्यक्ति को अपेक्षित जानकारी नहीं देने के लिए किए गए अपराध के लिए आपराधिक केस दर्ज कराने का आदेश जिला पदाधिकारी ने 22 अगस्त 2017 को दिया था। जिसके आलोक में सबौर थानाध्यक्ष ने 23 अगस्त 2017 को धोखाधड़ी समेत कई गंभीर आरोप केस दर्ज कर लिया था।
इन पद धारकों के विरुद्ध् दर्ज कराया गया था केस
शुभ लक्ष्मी प्रसाद, रजनी प्रिया, सीमा देवी, जसीमा खातून, राजरानी वर्मा, अपर्णा वर्मा, रूबी कुमारी, रानी देवी, सुनीता देवी सुना देवी शामिल हैं। इनमें रजनी प्रिया जो सृजन की खेवनहार रही मनोरमा देवी की बहू और अमित कुमार की पत्नी है, जिसका पता नहीं दर्शाया गया था। जसीमा खातून, अपर्णा वर्मा और राजरानी वर्मा का भी पता वाले कालम में मालूम नहीं लिखकर छोड़ दिया गया था। इस गंभीर अपराध को देखते हुए जिला पदाधिकारी ने भारतीय दंड संहिता 1860 के तहत वैधानिक प्रक्रिया का पालन करते हुए आपराधिक मुकदमा दर्ज करने का आदेश प्राप्त है। सीबीआइ ने जसीमा, अपर्णा, राजरानी समेत दस आरोपितों के विरुद्ध् 31 दिसंबर 2020 को ही आरोप पत्र सौंप दिया था। उसके बाद एक्सक्लूसिव सीबीआइ न्यायालय ने समन जारी किया था। जारी समन पर जसीमा खातून अदालत में उपस्थित नहीं हुई थी तो आठ जुलाई 2021 को जमानती वारंट जारी किया गया। लेकिन अदालत में उपस्थित नहीं हुई। तब चार अगस्त 2021 को गैर जमानती वारंट जारी कर दिया गया था।