Flood havoc in Seemanchal: बकरा और नूना नदी दिखा रही नरमी, कई इलाके अब भी जलमग्न, घरों में कैद हैं लोग

बकरा एवं नूना नदी के जल स्तर मे अब कमी आने लगी है। लेकिन सीमांचल में अब भी बाढ़ का कहर जारी है। कई इलाके अब भी बाढ़ से घिरे हैं। वहां के लोग अपने घरों में कैद हैं। भोजन और पशुचारे की लोगों को अब किल्लत होने लगी है।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 12:08 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 12:08 PM (IST)
Flood havoc in Seemanchal: बकरा और नूना नदी दिखा रही नरमी, कई इलाके अब भी जलमग्न, घरों में कैद हैं लोग
भारी बारिश के कारण सीमांचल में बाढ की स्थिति

अररिया, जेएनएन। सिकटी में बहने वाली बकरा एवं नूना नदी के जल स्तर मे सुबह से कमी हो रही है। लेकिन नूना की दहगामा के निकट निकली नई धारा से निकल रहा पानी सालगोड़ी कचना को बाढ़ की चपेट में ले रखा है। चारों ओर से पानी घिरे होने के कारण आवागमन नहीं हो पा रहा है।

प्रभावित लोगों को खाने पीने की किल्लत है। स्थानीय सहयोग के भरोसे लोग काम चला रहे हैं। कचना के इलताफ ने बताया कि गांव के चारों ओर पानी ही पानी है। घर से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है। जरूरत की सामान भी नही आ सकती है। नूना के जल स्तर में रविवार को कमी आई है, लेकिन नई धारा पानी का बहाव जारी है। प्रावि ईदगाह टोला का भवन कटान के डर से खाली करा दिया गया है। भवन के नीचे से मिट्टी कटकर बह रही है। जिससे कभी भी भवन धाराशायी हो सकता है। सालगोड़ी एवं कचना में स्थानीय लोगों एवं जनप्रतिनिधियों के माध्यम से लोगों को मदद की जा रही है। नदी के इधर से बहने के कारण अभी भी वार्ड एक से पांच तक लोगों के घर आंगन में पानी है।

सालगोड़ी हाट से पश्चिम पुल तक सड़क के ऊपर पानी बह रहा है। सालगोड़ी एवं आने जाने का कोई रास्ता नहीं है। जिसके कारण लोग परेशान हैं। स्थानीय प्रमुख प्रतिनिधि खुर्शीद आलम ने बताया कि नूना नदी का पूरा पानी नये धारा से बह रही है जो सालगोड़ी, कठुआ, कचना, औलाबाड़ी, बगुलाडांगी, होकर पलासी प्रखंड तक तबाही मचा रही है। प्रशासन की ओर से राहत का कोई इंतजाम नही है। लोग खुद के हाल पर जीने को मजबूर है। इन इलाकों में सड़कें बुरी तरह बर्बाद हो गई है। इधर बकरा नदी के जल स्तर घटने के क्रम में डैनिया,पड़रिया एवं बैरगाछी, गुंजन चौक के निकट कटान कर रही है। डेढ़ुवा पंचायत वार्ड नंबर एक बैरगााछी में बकरा का कटान तेज है। जिसमें तीन घर समा गया है। जैनुद्दीन, जमरुद्दीन, जिब्राइल, शमसेर, इस्तियाक का घर एवं शौचालय कट रहा है। पानी और घटने पर कटाव तेज हो सकता है। बाढ़ प्रभावित इलाके में धान की फसल बर्बाद हो गई है।

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