तस्करों ने बदला ट्रेंड अब सौ और 50 के छापे जा रहे जाली नोट, कटिहार में गिरफ्तारी के बाद अपराधियों ने किया खुलासा

फेक करेंसी सिंडिकेट अब सौ व 50 के जाली नोट को विभिन्न जिलों में खपाने का काम कर रहा है। नेपाल के रास्ते सीमांचल क्षेत्र में यह गिरोह काफी सक्रिय है। सौ व 50 का नोट की पहचान करना भी एक नजर में मुश्किल साबित होता है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Mon, 07 Jun 2021 11:23 AM (IST) Updated:Mon, 07 Jun 2021 11:23 AM (IST)
तस्करों ने बदला ट्रेंड अब सौ और 50 के छापे जा रहे जाली नोट, कटिहार में गिरफ्तारी के बाद अपराधियों ने किया खुलासा
कुर्सेला में चार दिन पूर्व जाली नोट के साथ गिरफ्तार दो तस्कर।

कटिहार [नीरज कुमार]। जाली नोट के तस्करों ने फेक करेंसी छापने एवं खपाने के लिए अपराध का ट्रेंड बदल लिया है। 2000 व 500 के भारतीय नोट में सिक्युरिटी फीचर अधिक होने के कारण फेक करेंसी सिंडिकेट अब सौ व 50 के जाली नोट को नेपाल के रास्ते सीमांचल के विभिन्न जिलों में खपाने का काम कर रहा है। सौ व 50 का नोट सुपर क्वालिटी का होने के कारण इसकी पहचान करना भी एक नजर में मुश्किल साबित होता है। फेक करेंसी सिंडिकेट ने जाली नोट खपाने के लिए कमीशन के आधार पर एजेंट की बहाली कर रखी है।

गुरुवार को कुर्सेला थाना अंतर्गत एनच 31 पर पेट्रोल पंप के समीप पुलिस ने 34500 के जाली नोट के साथ भागलपुर व मधेपुरा के दो युवकों को गिरफ्तार किया। बरामद जाली नोट में 2000, 500 तथा सौ व 50 का नोट है। बरामद जाली नोट में 2000 एवं 500 का नोट बी व सी ग्रेड का बताया जा रहा है। जबकि सौ व 50 का जाली नोट सुपर क्वालिटि ए ग्रेड का है।

ए, बी व सी ग्रेड पर चल रहा सिंडिकेट का धंधा

जाली नोट की तस्करी ए, बी व सी ग्रेड के आधार पर चल रहा है। दो हजार व 500 के जाली नोट में सिक्युरिटी फीचर अधिक होने के कारण इसकी नकल करना फेक करेंसी सिंडिकेट के लिए मुश्किल होता है। इन नोटों की स्केनिंग कर स्थानीय स्तर पर ही इसकी छपाई की जाती है। जाली नोट के तस्करों द्वारा इसे बी व सी ग्रेड में रखा जाता है। शहरी क्षेत्र में इस श्रेणी के जाली नोट को खपाने में मुश्किल होने के कारण ग्रमाीण इलाकों के हाट बाजार में इसे खपाया जाता है। सौ व 50 का जाली नोट सुपर क्वालिटी का होता है। खुफिया सूत्रों से मिली जानाकारी के मुताबिक सुपर क्वालिटी का सौ व 50 का नोट की छपाई पाकिस्तान में होती है। बांग्लादेश से नेपाल के रास्ते इसकी खेप पहुंचाई जा रही है।

जाली नोट का नया तस्कर गिरोह हो रहा सक्रिय

जाली नोट की तस्करी में नए तस्कर गिरोह की सक्रियता की बात सामने आ रही है। नोटबंदी के पूर्व तक नेपाल से जोगबनी बॉर्डर से बड़े पैूमाने पर जाली नोट की तस्करी होती थी। दो हजार व पांच सौ के नए नोट आने के बाद ग्रमाीण इलाकों में खपाने के लिए इस गिरोह की सक्रियता बढ़ी है। हलांकि जाली नोट की तस्करी के मामले में पिछले दो वर्षों में कमी आई है।

पूर्वी व पश्चिमी चंपारण जाली नोट का ट्रांजिट प्वाईंट

खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नेपाल के रास्ते जाली नोट की खेप पूर्वी व पश्चिमी चंपारण के रास्ते राज्य सहित देश के विभिन्न शहरों में पहुंच रही है। नेपाल से जोगबनी बॉर्डर से भी जाली नोट की खेप पहुंच रही है।

एक वर्ष में दो मामले पकड़ में आए

जिले में जाली नोट की तस्करी के दो मामले सामने आए हैं। कुछ माह पूर्व 25 हजार के जाली नोट के साथ दबोचे गए शातिर धंधेबाजों की निशानदेही पर बेतिया से एक लाख का जाली नोट स्थानीय पुलिस ने बरामद किया था।

गुरुवार को जाली नोट की खेप के साथ पकड़े गए दो युवकों को अररिया के किसी वयक्ति ने खपाने के लिए दिया था। पूछताछ में मिले सुराग के आधार पर पुलिस कार्रवाई कर रही है। जाली नोट की खेप कहां से पुहंचा था, इसकी तहकीकात की जा रही है। बरामद जाली नोट में सौ व 50 का जाली नोट फेक करेंसी के ए ग्रेड का नोट है। इसकी पहचान सामान्य तौर पर एक नजर में करना मुश्किल है। -विकास कुमार, पुलिस अधीक्षक, कटिहार।

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