स्मार्ट सिटी भागलपुर... कूड़ा निस्तारण के लिए डंपिंग ग्राउंड में लगेगा प्लांट, जल्द शुरू हो जाएगा काम
स्मार्ट सिटी भागलपुर में कूड़ा निस्तारण के लिए जल्द प्लांट लगाया जाएगा। इसके लिए नगर निगम ने काम शुरू कर दिया है। इस प्लांट को नगर निगम डंपिंग ग्राउंड मेंं लगाएगा। कई कंपनियों ने इसमें रुचि दिखाई है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। शहर की सफाई व्यवस्था सबसे बड़ी बाधा कूड़ा निस्तारण की है। निगम के पास डंपिंग ग्रांउड तो है लेकिन कूड़ा निस्तारण के लिए प्लांट और मशीन नहीं है। नतीजा शहर से प्रतिदिन 250 मीट्रिक टन निकलने वाले कूड़े का डंपिंग ग्राउंड में पहाड़ खड़ा हो चुका है। इससे कूड़ा लदा वाहन भी डंपिंग ग्राउंड तक नहीं पहुंच रहा। नगर निगम ने अपनी ओर से कवायद शुरू कर दी है।
सोमवार को नगर निगम सभागार में कूड़ा प्रोसेसिंग करने वाली कंपनी ने प्रभारी नगर आयुक्त प्रफुल्ल चंद यादव, सिटी मैनेजर रवीश चंद्र वर्मा व कार्यालय अधीक्षक रेहान अहमद को अपनी परियोजना का प्रजेंटेशन दिखाया। नगर आयुक्त ने कहा कि कई कंपनियां कूड़ा प्रोसेसिंग के लिए कार्य करना चाहती है। जिस कंपनी का बेहतर प्रोजेक्ट होगा उस पर विचार किया जाएगा। प्रोसेसिंग प्लांट होने से शहर की सफाई व्यवस्था भी चकाचक होगी। नगर विकास एवं आवास विभाग बिहार की ओर से बिहार नगर पालिका ठोस अपशिष्ट प्रबंधन मॉडल उपविधि 2019 को लागू कराना है। इसके तहत कचरे के निस्तारण और प्रोसेसिंग प्लांट पर कार्य किया जाना है।
छोटे स्तर के प्लांट की 35 करोड़ आएगी लागत
नगर आयुक्त के साथ बैठक के बाद कंपनी के प्रतिनिधि ने निगम कर्मियों के साथ शहर में कूड़े की स्थिति के साथ डंङ्क्षपग ग्राउंड का आंकलन किया। कंपनी के प्रतिनिधि रंजीत ने बताया कि भोपाल और गया नगर निगम में कूड़ा प्रोसेसिंग पर कंपनी कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि घरों एवं होटलों से निकलने वाले गीले कचरे से खाद बनाया जाएगा। जबकि मेटेरियल रिकवरी सुविधा के तहत कागज, प्लास्टिक, धातु को अलग कर कबाड़ी को बेचा जाएगा। साथ ही मैटेरियल तैयार कर उत्पाद तैयार करने वाली कंपनी को बेचा जा सकेगा।
ठोस कचरे के निबटारे के बाद वैज्ञानिक तरीके से साफ कचरे से जमीन भराई की जा सकेगी। इससे निगम को राजस्व की प्राप्ति होगी। कूड़ा प्रोसेसिंगप्लांट केे लिए न्यूनतम 11 से 15 एकड़ जमीन की जरुरत है। लेकिन निगम के पास करीब साढ़े चार एकड़ जमीन उपलब्ध है। ऐसे में छोटे स्तर के प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किया जा सकता है। प्लांट पर करीब 30 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। जबकि कूड़ा प्रोसेसिंग करने वाली कंपनी एक टन कूड़ा निस्तारण का चार्ज करीब 550 रुपये तक निगम से ले सकता है।