भारत-नेपाल सीमा की पहरेदारी के साथ बच्चों के हूनरमंद बना रहे एसएसबी के जवान, जानिए

अररिया के पास भारत-नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी के जवान युवाओं को टेलरिंग सहित अन्य ट्रेड से जुड़े कौशल विकास में योगदान दे रहे हैं।उनका उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत की दिशा में प्रयास करना है। इससे युवा लाभान्वित हो रहे हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 04:36 PM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 04:36 PM (IST)
भारत-नेपाल सीमा की पहरेदारी के साथ बच्चों के हूनरमंद बना रहे एसएसबी के जवान, जानिए
अररिया के पास भारत-नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी के जवान युवाओं को हूनरमंद बना रहा है।

 अररिया [दीपक कुमार गुप्ता]। एसससबी सीमा की सुरक्षा के साथ देशभक्ति की शिक्षा दे रहा है। वहीं भारत-नेपाल सीमा पर उसके जवान युवाओं के कौशल विकास कर नागरिकों के दिल भी जीत रहे हैं। सीमा के ये प्रहरी युवाओं को टेलरिंग सहित अन्य ट्रेड से जुड़े कौशल विकास में योगदान दे रहे हैं। वे जय जवान जय सीमावासी अभियान के तहत यह कार्यक्रम चला रहे हैं। इसके तहत वे लोगों में राष्ट्रीयता की भावना, स्वच्छता आदि के प्रति भी जागरूकता फैला रहे हैं। उनका उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत की दिशा में प्रयास करना है।

भारत-नेपाल सीमा पर कुर्साकांटा व सिकटी प्रखंड के सोनामनी गोदाम से आमबारी कैंप तक लगने वाली 38 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय भारत -नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी के जवान सरहद की सुरक्षा के साथ -साथ नागरिकों के दिल जीतने का काम भी करते हैं। वे सीमा पर रहने वाले नागरिकों की सुरक्षा भी परिवार के सदस्यों की तरह कर रहे हैं।सीमा पर रहने वालों में उन्हें अपनी मां, भाई, बहन नजर आते हैं। इनकी सेवा कर लगता है कि परिवार की सेवा कर रहे हैं। इधर कोरोना संकट से अपने देश को बचाने के लिए एसएसबी के जवान सीमा पर किसी प्रकार की आवाजाही न हो इसके लिए दिन -रात गश्त पर रहे।

कौशल विकास का देते हैं प्रशिक्षण

 युवाओं के लिए रोजगार के अवसर मुहैया कराने हेतु कौशल विकास के तहत कंप्यूटर प्रशिक्षण, सिलाई प्रशिक्षण, बिजली उपकरण ठीक करने व वायरिंग करने का प्रशिक्षण आदि कार्यक्रम भी आयोजित करते रहते है। युवक-युवतियों को कौशल का प्रशिक्षण देते है। वहीं युवतियों को सिलाई-कड़ाई व कंप्यूटर का ट्रेनिंग देते हैं ताकि वे आगे अपना भविष्य संवार सके। कोरोना काल में सीमा क्षेत्र के नागरिकों को राशन, दवाईयां, सैनिटाइजर, मास्क और साबुन आदि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराने का काम किया।

समय समय पर लगाते हैं मेडिकल शिविर

केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रति सीमावर्ती नागरिकों को जागरूक करने और राष्ट्र भक्ति की भावना जागृत करने के लिए ये जवान कई तरह के कार्यक्रम भी आयोजित करते रहते हैं।सीमावर्ती क्षेत्र के ग्रामीणों के विकास के लिए मेडिकल कैंप भी लगाते हैं। कभी स्थानीय ग्रामीणों के स्वास्थ्य जांच के लिए शिविर लगाते हैं तो कभी पशुओं के जांच के लिए। इतना ही नहीं शुद्ध पेयजल, ज्ञानवर्धक पुस्तकें निःशुल्क उपलब्ध कराते हैं। बीच-बीच में खेलूकूद का आयोजन कराते हैं।अच्छे खिलाड़ियों को सेनानायक द्वारा पुरस्कृत किया जाता है। इतना हीं नहीं लोगों के बीच राष्ट्रीयता की भावना, स्वच्छता, अनुशासन, खुले में शौच करने के दुष्परिणामों आदि से अवगत कराते हुए अनेक महत्वपूर्ण पहलुओं के माध्यम से जागरूक करने का काम करते है।

एसएसबी सीमा पर सीमा की सुरक्षा के साथ-साथ बंधुत्व का भाव लिए खड़ी हैं।लोगों की सुरक्षा प्रदान करना तथा सीमा की रक्षा करना एसएसबी का दायित्व है। लोगों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में बेरोजगार युवक युवतियों को कौशल विकास के तहत प्रशिक्षण देने का काम भी करती है। साथ ही साथ स्वच्छता, पौधरोपण, स्वास्थ्य शिविर तथा आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी एसएसबी पहल करती है ।

वीके वर्मा -कमांडेंट,52वीं बटालियन अररिया

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