कहलगांव में बाढ़ से आधा दर्जन गांव प्रभावित
कहलगांव। झारखंड के पहाड़ी इलाकों एवं डैम का पानी आने से कुआ नदी उफना गई है। इससे क्ष्
कहलगांव। झारखंड के पहाड़ी इलाकों एवं डैम का पानी आने से कुआ नदी उफना गई है। इससे क्षेत्र में बाढ़ का पानी तेजी से फैलने लगा है। बाढ़ से जेठियाना, जगरनाथपुर माल, बभनिया गांव जलमग्न हो चुका है। चांयटोला, मजदाहा, वंशीपुर, देवरी, महेशपुर, शोमनाथपुर हरिजन टोला आदि गांव भी प्रभावित हैं। गांव के कई घरों में पानी घुस गया है।
बाढ़ के पानी से एमजीआर पथ करीब सौ मीटर एवं चांयटोला पथ जलमग्न है। स्थिति यह है कि चार से पांच फीट पानी बह रहा है। दर्जनों गांवों का आवागमन पुरी तरह ठप हो गया है। दक्षिणी क्षेत्र में कैरिया, जंगलगोपाली, सौर, सिमरिया, चांयटोला, शोमनाथपुर, ओगरी आदि बहियार में हजारों एकड़ में लगी धान एवं अन्य फसलें डूब गई हैं। इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। किसानों का कहना है कि इस बार फसल अच्छी हुई तो बाढ़ के पानी ने बर्बाद कर दिया।
चांयटोला के किसान डॉ. रितेश चंद्र भारती ने कहा कि बारिश से पहाड़ी इलाकों के पानी के साथ बुआरीजोर डैम से जो पानी छोड़ा गया है, वही पानी कुआ नदी के माध्यम से आकर कहर बरपा रहा है। फसलें बर्बाद हो गई हैं। अंचलाधिकारी नीलकुशुम प्रसाद सिन्हा ने वंशीपुर, देवरी, महेशपुर, एमजीआर पथ का मुआयना कर ग्रामीणों से जानकारी ली है। अंचलाधिकारी ने कहा कि स्थिति का प्रतिवेदन जिलाधिकारी को भेजा गया है। वहां से निर्देश आने पर कदम उठाया जाएगा। मुखिया संतोष यादव ने बाढ़ प्रभावित परिवारों को अविलंब राहत देने की मांग की है। दूसरी तरफ लगातार हो रही बारिश से रानीदियारा के कटाव पीड़ितों के अस्थाई पुनर्वास स्थल की हालत और बदतर होती जा रही है। पुनर्वास स्थल जलमग्न है। तीन से चार फीट पानी सभी लोगों के घरों में जमा है। पीड़ित परिवार परेशान हैं। उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि क्या करें। गत पांच दिनों से जलजमाव के बीच जिंदगी गुजार रहे हैं, लेकिन देखने वाला कोई नहीं है। जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है।