एक थानेदार ऐसा जो बीस से अधिक बेटियों को वर्दी पहनने के लिए कर रहे तैयार, इस तरह दे रहे ट्रेनिंग

आरडी एंड डीजे कॉलेज मैदान पर यातायात थानाध्यक्ष अंजुम होदा मुंगेर की बेटियों को वर्दी पहनने के लिए तैयार कर रहे हैं। वे इसके लिए कोई फी नहीं लेते हैं। वे सिपाही भर्ती परीक्षा की तैयारी करने वाली छात्राओं को शारीरिक परीक्षा में सफलता का टिप्स देते हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 03:22 PM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 03:22 PM (IST)
एक थानेदार ऐसा जो बीस से अधिक बेटियों को वर्दी पहनने के लिए कर रहे तैयार, इस तरह दे रहे ट्रेनिंग
प्रशिक्षण प्राइज़ करने वाली युवतियों के साथ एसअाई।

मुंगेर [हैदर अली]। आरडी एंड डीजे कॉलेज के मैदान पर हिंदी सिनेमा चक दे की पटकथा लिखी जा रही है। चक दे फिल्म में अभिनेता शाहरूख खान लड़कियों को हॉकी का गुर सिखा रहे थे। आरडी एंड डीजे कॉलेज मैदान पर यातायात थानाध्यक्ष अंजुम होदा मुंगेर की बेटियों को वर्दी पहनने के लिए तैयार कर रहे हैं। अंजुम लड़कियों को दौड़, लांग जंप, हाइ जंप गोला फेंक आदि का प्रशिक्षण देते हैं।

सिपाही भर्ती परीक्षा की तैयारी करने वाली छात्राओं को शारीरिक परीक्षा में सफलता का टिप्स देते हैं। सबसे खास बात यह है कि वे लड़कियों में आत्मविश्वास का संचार करते हैं। दौड़ से लेकर लांग जंप तक में पिछडऩे वाली लड़कियों के पास अंजुम पहुंच जाते हैं। इसके बाद वे लड़कियों से कहते हैं- आप खुद को कभी कमजोर नहीं समझें। कोई ऐसा काम नहीं है, जो लड़कें कर सकते हों और आप नहीं। सभी क्षेत्र में लड़किया सफलता की नई कहानी लिख रही हैं। आप भी वर्दी पहन कर समाज में कानून का राज कायम करने में योगदान दे सकती हैं।

बस, खुद पर विश्वास रखो और लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ईमानदारी से प्रयास करो। थानाध्यक्ष से निश्शुल्क प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली छात्राएं भी उत्साह से लवरेज हैं। शिल्पी, ममता, पूनम आदि छात्राओं ने कहा कि वर्दी पहन कर जब अंजुम सर हमलोगों के साथ दौड़ लगाते हैं, तो हमलोगों में उर्जा का संचार होता है। उनकी बातें, उनके द्वारा बताए गए टिप्स से उम्मीद जगाती है कि हमलोग जरूर सफल होंगे। वहीं, अंजुम के साथ पूर्व फुटबाल खिलाड़ी बादल भी लड़कियों को प्रशिक्षण देते हैं। बादल ने कहा कि अंजुम होदा सर का प्रयास सराहनीय है। दो दर्जन छात्राएं प्रशिक्षण के लिए आती हैं। जिसमें से अधिकांश लड़कियों के सफल होने की संभावना है।

सुबह के समय छात्राओं को अभ्यास कराने मैदान पर जाता हूं। मैं चाहता हूं कि बड़ी संख्या में मुंगेर की बेटियां वर्दी पहन कर देश समाज की सेवा करें। यहां की लड़कियों में प्रतिभा की कमी नहीं है, बस जरूरत है - उन्हें सही प्रशिक्षण देने की। मुझे उम्मीद है कि सिपाही भर्ती परीक्षा में मुंगेर की कई बेटियां सफल होंगी। -अंजुम होदा, यातायात थानाध्यक्ष मुंगेर।  

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