Shravani Mela 2021: सावन कल से, इस बार कांवरियां पथ पर रहेगी खामोशी, सैकड़ों परिवारों को नहीं मिलेगा रोजगार
Shravani Mela 2021 कल से सावन शुरू हो रहा है। लेकिन इस बार भी कोरोना का साया रहेगा। कावरिया पथ पर पिछले साल की तरह खामोशी छाई रहेगी। साथ ही सैकड़ों परिवारों को रोजगार भी नहीं मिलेगा।
संसू, तारापुर (मुंगेर)। Shravani Mela 2021 : कोरोना की वजह से इस बार भी कांवर यात्रा नहीं होगी। 25 जुलाई से सावन महीना हो रहा है। पहले जहां 15 दिन पहले से कांवरियां गेरुआ वस्त्र धारण कर देवघर जाने के लिए निकल पड़ते थे। डेढ़ माह तक कावरियां पथ गुलजार रहता था। आज वहां सन्नाटा पसरा हुआ था। कांवर यात्रा रद होने का असर लोगों की जेबें पर पड़ा है। कांवरियां पथ पर सैकड़ों अस्थायी दुकानें लगाकर लोग पूरे एक वर्ष का कारोबार करते थे। इनकी घर-गृहस्थी की अर्थ व्यवस्था बाबा भोले की कृपा पर टिकी रहती थी। कांवर मेला शुरू नहीं होने से बुनियादी आधारभूत संरचना को भी दुरुस्त नहीं कराया गया। जिससे आने वाले वर्षों में बनी बनाई संरचना बर्बाद होने की राह पर है।
मेला नहीं लगने से बड़ी परेशानी
गोगाचक गांव के विष्णुदेव सिंह ने कहा कि मेला नहीं होने से परेशानी है। मेला चलते रहने से हम लोग कुछ लोगों को रोजगार देने की स्थिति में होते थे। चार पैसा लगाते थे तो दो पैसा कमा लेते थे। घर का कामकाज अच्छे से निपट जाता था। मेला नहीं होने से हम लोग निराश हैं। काजीचक मिल्की के मंटू शर्मा ने कहा कि दुकान रखते थे । कांवरिया नहीं चल रहे हैं ।इसी कमाई से साल भर रोजी रोटी चलती थी। कहीं से कोई आमदनी नहीं है। सरकार ने कोई दूसरी व्यवस्था नहीं की है। बिहमा गांव के विवेक कुमार ङ्क्षसह ने कहा कि दुकान रखने से कमाई होती थी। घर का खर्च भी चलता था तथा खेती के लिए भी पूंजी हो जाती थी। सरकार ने कांवड़ मेला को बंद किया तो इसका विकल्प भी उन्हें सोचना चाहिए था। जितनी पूंजी लगाए थे वह बांस बल्ला त्रिपाल सब खराब हो गया है।
कावरिया पथ पर रहेगा सन्नाटा
हर साल सावन शुरू होने से 15 दिन पहले से ही चहल-पहल बढ़ जाती थी। लेकिन पिछले दो सालों से कोरोना के कारण कावरिया पथ पर सन्नाटा है। इस साल भी पिछले साल की तरह की स्थति रहेगी। रोड किनारे दुकानें भी नहीं सजेंगी।