Shortage of Teachers In Bihar: सहरसा की जमीनी हकीकत, बिना अध्यापक छात्र कैसे पास करेंगे मैट्रिक?

Shortage of Teachers In Bihar बिहार में शिक्षकों की कमी किसी से छिपी नहीं है। अब खबर सहरसा से सामने आई है। यहां बिना अध्यापक छात्र मैट्रिक की परीक्षा कैसे पास करेंगे। यहां राजनपुर में 103 छात्र मैट्रिक के हैं।

By Shivam BajpaiEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 05:12 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 05:12 PM (IST)
Shortage of Teachers In Bihar: सहरसा की जमीनी हकीकत, बिना अध्यापक छात्र कैसे पास करेंगे मैट्रिक?
Shortage of Teachers In Bihar: सहरसा से ग्राउंड रिपोर्ट

संवाद सूत्र, राजनपुर (सहरसा)। Shortage of Teachers In Bihar: सरहसा के महिषी प्रखंड अंतर्गत उच्च विद्यालय राजनपुर नौवीं से दसवीं कक्षा के लिए संचालित हाई स्कूल में वैशाखी के भरोसे बच्चों का भविष्य गढ़ने का प्रयास किया जा रहा है। बिना शिक्षकों की कक्षाएं भी पूरी कराई जा रही है। हाईस्कूल की कक्षाओं का पठन- पाठन मध्य विद्यालय के शिक्षक के द्वारा कराया जाता है। ऐसे में इन बच्चों को कैसा ज्ञान मिल रहा होगा, इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है।

शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए दूर-दराज स्कूलों में भटकने की परेशानी से बचने के नाम पर विद्यालय को अपग्रेड कर महज मजाक किया गया। विभाग द्वारा हाईस्कूल के स्वीकृत पदों पर शिक्षकों को पदस्थापित नहीं कराया जा रहा है, जबकि वर्तमान में हाईस्कूल की शिक्षा के लिए 187 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। इस विद्यालय के 103 दसवीं छात्र-छात्राओं का बोर्ड परीक्षा के लिए पंजीकरण करा लिया गया।

आगामी मार्च माह से हाईस्कूल के लिए बोर्ड परीक्षा का आयोजन होगा। कक्षा के बिना बोर्ड परीक्षा पास फेल के परीक्षा परिणाम बच्चों के लिए चुनौती बनेगी। स्कूली छात्र मो.आशिफअली, मीर इंतेखाब, अंकित कुमार, सुनील कुमार, गुड़िया प्रवीन ने बताया कि शिक्षकों के घोर अभाव के कारण सिलेबस पूरा नहीं हो पाता है।

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इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि जबतक हाई स्कूल के लिए नियोजन प्रक्रिया पूरी नहीं होती है, तब तक हाईस्कूल की कक्षाओं का पठन पाठन मध्य विद्यालय के शिक्षक के द्वारा ही संपन्न कराया जाएगा। मतलब, इन बच्चों का भविष्य भगवान भरोसे है।

बता दें कि बिहार में लंबे समय से शिक्षक बहाली नहीं हुई है। 6वें चरण के तहत 2019 में शिक्षक नियोजन की जो भर्ती निकाली गई थी वो अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। आंकड़ों की मानें तो बिहार में तकरीबन 3.15 लाख शिक्षकों के पद खाली हैं। 2019 में 1.25 लाख रिक्त पदों के लिए वैकेंसी निकाली गई, जिसके लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया दो चरणों में संपन्न होने के बाद अब ब्रेक लग गया है।

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