घूस लेने के आरोप में भागलपुर के अंचल राजस्‍वकर्मी पर हुई बड़ी कार्रवाई, वीडियो हुआ था वायरल

घूस लेने के आरोप में भागलपुर पीरपैंती अंचल के राजस्वकर्मी मु. शमीम अख्तर की सेवा समाप्त समाप्‍त कर दी गई है। घूस लेते हुए उनका एक वीडियो वायरल हुआ था। सेवानिवृत्त होने के बाद संविदा पर रखे गए थे राजस्व कर्मी।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 12:24 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 12:24 PM (IST)
घूस लेने के आरोप में भागलपुर के अंचल राजस्‍वकर्मी पर हुई बड़ी कार्रवाई, वीडियो हुआ था वायरल
सीओ ने दर्ज कराया था केस, जांच में आरोप सिद्ध होने पर डीएम ने की कार्रवाई।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। पीरपैंती अंचल में संविदा पर नियुक्त राजस्व कर्मी मु. शमीम अख्तर की सेवा समाप्त कर दी गई है। जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सिंह ने यह कार्रवाई की है। राजस्व कर्मी पर घूस लेने का आरोप है। अंचल के राजस्व कर्मी मु. शमीम अख्तर के सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें संविदा कर्मी के रूप में बहाल किया गया था। 21 जून 2021 को शमीम अख्तर का वीडियो तेजी से वायरल हुआ।

वीडियो में उन्हें घूस लेते हुए दिखाया गया था। इसके बाद पीरपैंती के अंचलाधिकारी अरुण कुमार गुप्ता ने 30 जून को पीरपैंती थाने में आवेदन देकर शमीम अख्तर पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया था। अंचलाधिकारी द्वारा दिए गए आवेदन में कहा गया है कि राजस्व कर्मी शमीम अख्तर बाखरपुर पूर्वी, बाखरपुर पश्चिमी, हरिणकोल, बंधुजयराम, रोशनपुर पीरपैंती पंचायत में कार्यरत हैं।

अज्ञात मोबाइल नंबर से मेरे मोबाइल नंबर पर 21 जून को एक वीडियो आया, जिसमें शमीम अख्तर को 25 सौ रुपये दाखिल-खारिज के एवज में लेते हुए दिखाया गया है। यह वीडियो पीरपैंती में सार्वजनिक रूप से वायरल है। ये राजस्व कर्मी सेवानिवृत्त होने के बाद अनुबंध पर कार्यरत हैं। इसकी जानकारी जिलाधिकारी को मिलने के बाद मामले की जांच कराई गई। जांच में आरोप सिद्ध होने के बाद अनुबंध पर तैनात राजस्व कर्मी की सेवा को समाप्त कर दिया गया।

नर्सिंग स्टूडेंट को कार्य से हटाया

कोरोनाकाल में कर्मचारियों की कमी को देखते हुए सरकार ने एक वर्ष के लिए नर्सिंग स्कूल के छात्रों को रखने का निर्देश दिया था। मायागंज अस्पताल में इन छात्रों से मधुमेह की जांच मरीजों को सूई देने आदि कार्य लिए गए लेकिन 72 दिनों में ही इन्हें हटा दिया गया। छात्रों ने जब सरकार द्वारा हटाने बाबत पत्र दिखाने के लिए कहा तो तैयार नहीं हुए। छात्रों ने कहा कि कार्य के दौरान उन्हें मानदेय भी नहीं दिया गया और न ही कार्य करने का प्रमाण पत्र ही। उन्होंने अधीक्षक को दोबारा रखने की भी अपील की। छात्रों ने कहा कि डीएम और स्वास्थ्य मंत्री को भी पत्र देंगे।

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