शक्तिपीठ घटवेनाथ मंदिर: पर्यटन वेबसाइट पर दिखेगा बांका का यह प्रसिद्ध मनभावन स्थल

शक्तिपीठ के नाम से प्रसिद्ध बांका के चंदन नदी तट पर स्थित घटवे नाथ मंदिर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा। अब पांच किलोमीटर के दायरे में होगा चांदन डैम के साथ लक्ष्मीपुर काली मंदिर व रानी तालाब। घटवेनाथ मंदिर पर्यटकों का बन रहा मनभावन स्थल।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 12:59 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 12:59 PM (IST)
शक्तिपीठ घटवेनाथ मंदिर: पर्यटन वेबसाइट पर दिखेगा बांका का यह प्रसिद्ध मनभावन स्थल
चंदन नदी तट पर स्थित घटवे नाथ मंदिर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा।

जयपुर (बांका) [अनिल शर्मा]। शक्तिपीठ के नाम से विख्यात चंदन नदी तट पर स्थित घटवे नाथ मंदिर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा। मंदिर विकास समिति द्वारा अपने स्तर से मंदिर का निर्माण कराया है। पहले बरगद के नीचे इसकी पूजा होती थी। कधार चंदन नदी तट पर बना आकर्षक मंदिर पर्यटकों को खूब लुभा रहा है। सिर्फ सावन महीने को छोड़कर शेष हर सोमवार और शुक्रवार को मनोकामना पूर्ण हो चुके श्रद्धालुओं तांता लगा रहता है। हाल के दिनों में पाठा बलि की प्रथा बढ़ी है।

नए पर्यटन स्थल के रूप में चिन्हित होगा घटवे नाथ

पर्यटन को एक उद्योग के रूप में विकसित करने के लिए पर्यटन मंत्री ने विशेष पहल शुरू की है। इसके लिए जिलाधिकारी से नए पर्यटन केंद्र को चिन्हित कर सूची मांगी है। जिसके आधार पर पर्यटन विभाग की वेबसाइट को जिलावार अपडेट किया जाएगा। इसके साथ ही पुराने पर्यटन केंद्रों को नया लुक देकर विकसित किया जाएगा।

लक्ष्मीपुर राजा ने की थी घटवे नाथ की स्थापना

18 वीं सदी के राजा ठाकुर प्रताप नारायण देव सिंह प्रसिद्ध तांत्रिक भी थे। लक्ष्मीपुर में बने काली मंदिर में नरबलि देकर उन्होंने तांत्रिक सिद्धि की थी। एक बार अपने लाव लश्कर हाथी घोड़ा के साथ बाबा बैजनाथ धाम जाने के दौरान चंदन नदी में बाढ़ आ गई थी। नुकसान की संभावनाओं को देखते हुए नदी पार करने के पूर्व उन्होंने नदी के किनारे बलि देकर घटवेनाथ आराधना कर नदी पार किया था। और तभी से घटवेनाथ शक्तिपीठ के नाम से प्रसिद्ध हो गया।

पुजारी भिखारी राय एवं पंचानंद यादव ने बताया कि मन मांगी मुराद पूरी होने के बाद लोग बलि चढ़ाने आते हैं। अब इसकी ख्याति अन्य प्रदेशों तक पहुंच चुकी है।

पांच किलोमीटर के दायरे में होगा तीन पर्यटन स्थल

मंदार से जोड़ते हुए चांदन डैम लक्ष्मीपुर को विकसित करने के लिए पिछले वर्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद पहल की थी। तत्कालीन जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने लक्ष्मीपुर रानी तालाब से लेकर काली मंदिर एवं राज दरबार भी रंग रोगन कराया था। अब पांच किलोमीटर के दायरे में चांदन डैम के साथ लक्ष्मीपुर काली मंदिर रानी तालाब एवं घटवेनाथ मंदिर पर्यटकों का मनभावन स्थल बनते जा रहा है।

विभागीय पत्र अभी प्राप्त नहीं हुआ है। बांका में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। सभी नए पुराने पर्यटन स्थलों की जानकारी अपडेट की जा रही है। - महफूज आलम, प्रभारी, जिला पर्यटन पदाधिकारी

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