अगरबत्ती की खुशबू से महक उठा स्वरोजगार

घोघा भागलपुर [पीकेपी कुंदन] लाकडाउन के दौरान उत्पन्न आर्थिक तंगी व विवशता घोघा के एक युवक ने

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 02:04 AM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 02:04 AM (IST)
अगरबत्ती की खुशबू से महक उठा स्वरोजगार
अगरबत्ती की खुशबू से महक उठा स्वरोजगार

घोघा, भागलपुर [पीकेपी कुंदन]

लाकडाउन के दौरान उत्पन्न आर्थिक तंगी व विवशता घोघा के एक युवक के लिए वरदान साबित हुई। बीते वर्ष 2020 में लाकडाउन लगते ही लोगों के जनजीवन पर काफी प्रभाव पड़ा। काफी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए। कई लोग भुखमरी के कगार पर पहुंच गए। उसी दौरान हाट में अनाज की खरीद-बिक्री करने वाले थाना क्षेत्र के कुलकुलिया निवासी शिव कुमार यादव ने लाकडाउन को अवसर में बदल डाला। स्थिति यह है कि पांच सौ रुपये से शुरू किया अगरबत्ती का कारोबार अब लाखों रुपये की कमाई का जरिया बन गया है।

आर्थिक तंगी के कारण शिव कुमार ने मात्र 500 रुपये की लागत से काम शुरू किया और घर पर तैयार अगरबत्ती झोले में लेकर लोगों के घरों व दुकानों में देने लगा। धीरे-धीरे मेहनत रंग लाई और अगरबत्ती की बाजार में मांग बढ़ गई। इससे काम भी बढ़ गया। स्थिति यह हुई कि अतिरिक्त उत्पादन के लिए मजदुरों की आवश्यकता पड़ी। लाकडाउन में बेरोजगार हुए कई अन्य लोगों को भी काम पर रख लिया। रोजगार चल पड़ा अच्छी-खासी आमदनी होने लगी। बाजार में अगरबत्ती की मांग काफी बढ़ गई।

शिवकुमार यादव कहते हैं कि उत्पादन से कई गुना ज्यादा मांग होने के कारण मशीन की आवश्यकता महसूस होने लगी, ताकि बाजार में मांग के अनुरूप उत्पादन के संतुलन को व्यवस्थित रखा जा सके। इसलिए मैंने आमदनी की जमा पूंजी के अलावा कई जीविका समूह व ग्रामीण बैंक से लोन के रूप में आर्थिक सहयोग लेकर अपने इस कार्य को आगे बढ़ाया। अगरबत्ती बनाने की विभिन्न इकाइयों में काम आने वाली कई स्वचलित मशीनें स्थापित कर लीं। बीते वर्ष 2020 के अगस्त माह में महज पांच सौ रुपये की लागत से अपना कारोबार शुरू किया था और एक वर्ष के अंदर करोबार मुकाम तक पहुंच गया।

वर्तमान समय में कच्चा माल व क्रय की गई स्वचालित मशीन मिलाकर लगभग दस से पंद्रह लाख का कारोबार है। अगरबत्ती कारोबार की सफलता के पीछे उत्पादित सामान की गुणवत्ता, ग्राहकों का विश्वास, मजदुरों का सहयोग व ईश्वर की कृपा है।

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