भागलपुर में बड़ी घटना का सबब बन सकता बिखरा कूड़ा, नगर निगम ने कूड़ा डंप कर बदल दी बाइपास की सूरत
हड़ताल समाप्त होने के बाद भागलपुर शहर का कचरा डंप हो रहा बाइपास पर। हर रोज लगभग डेढ़ हजार टन कचरा फेंका जा रहा। बाइपास से गुजरने वाले और आस-पास बसे हजारों लोग प्रतिदिन दुर्गंध से परेशान। किसी दिन बड़ी घटना हो सकती है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। नगर निगम ने बिना किसी आदेश के बायपास किनारे लोदीपुर चौक से दोगच्छी तक चार किलोमीटर क्षेत्र को कूड़ा डंपिग जोन बना दिया है। यही नहीं,जगह-जगह जमा कूड़ा टीले में तब्दील होता जा रहा है। कूड़े से उठने वाली दुर्गंध से बाइपास से गुजरने वाले और आस-पास बसे हजारों लोग परेशान है। सुंदरीकरण के लिए बाइपास किनारे लगाए गए सैकड़ों पौधों का अस्तित्व समाप्त हो चुका है। बचे-खुचे पेड़-पौधे भी सूखने के कगार पर हैं।
बाइपास होकर हर दिन 20 हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं। बाइपास किनारे कूड़ा डंप किए जाने से सड़क के दोनों ओर के फ्लैंक की चौड़ाई 40 से 70 फीट तक बढ़ गई है। इससे अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि निगम कितना कूड़ा वहां डंप करा रहा है। जिलाधिकारी की सख्ती के बाद भी निगमकर्मी मनमानी कर रहे हैं। वे जहां चाहते हैं, वहां कूड़ा डंप कर दे रहे हैं। इलाके के लोगों के विरोध के बाद भी समस्या का स्थाई समाधान नहीं निकाला जा रहा है। हाल में सफाईकर्मियों ने हड़ताल की थी। शहर में कूड़े का अंबार लग गया था। हड़ताल समाप्त होने के बाद निगम ने कूड़ा उठाव शुरु किया। कूड़े को डंपिंग ग्राउंड कनकैथी में गिराना था। दिन में कंपैक्टर से कनकैथी कूड़ा ले जाया जा रहा है लेकिन अंधेेरा होते ही दो डंफर के जरिए बाइपास पर डंपिंग की जा रही है।
बाइपास की हरियाली को लील गया कूड़ा
डेढ़ वर्ष पूर्व बाइपास किनारे चार लाख की लागत से 10 हजार से अधिक फलदार व अन्य पौधे लगाए गए थे। कुछ दिनों तक एनएच विभाग ने इसकी देखरेख की। पर उसके बाद सड़क की निगरानी के लिए कर्मी को प्रतिनियुक्त नहीं किया गया। स्थिति यह कि वर्तमान में दो हजार से अधिक पौधे अब कूड़े की भेंट चढ़ चुके हैं। अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो हरियाली पट्टी ही समाप्त हो जाएगी।
एनजीटी के निर्देश की परवाह नहीं
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था सुदृढ़ करने का निर्देश दिया है। सड़क और घनी आबादी वाले क्षेत्र में कूड़ा डंप करने पर सख्त पाबंदी है। बावजूद, सभी ने अपनी आंखे मूंद रखी है।
एनएच के पास कोई संसाधन नहीं है कि कूड़ा डंपिंग को रोका जा सके। इसे नगर निगम को खुद सोचना चाहिए। सड़क किनारे कूड़ा डंप नहीं करना चाहिए। - अरविंद कुमार, कार्यपालक अभियंता एनएच
निगम सड़क किनारे कूड़ा गिरा कर गलत काम कर रहा है। नगर निगम को कई दफा पत्र भी दिया जा चुका है। कूड़ा गिराना बंद न हुआ तो उसकी गाडिय़ों को जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी। - बृजकिशोर सिंह, रेंजर वन विभाग