भागलपुर नगर निगम में घोटाले का खुला राज, सरकारी खजाने से लाखों का हुआ गबन का खेल

नगर निगम में ट्रेड लाइसेंस मामले की जांच में सामने आया मामला। संबंधित रजिस्टर और आनलाइन में मिला भारी अंतर। एक-दो दिनों में एडीएम कार्यालय में जांच रिपोर्ट हो जाएगी तैयार। लंबे समय से चल रहा था फर्जी ट्रेड लाइसेंस जारी कर राशि गबन करने का खेल।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 09:46 AM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 09:46 AM (IST)
भागलपुर नगर निगम में घोटाले का खुला राज, सरकारी खजाने से लाखों का हुआ गबन का खेल
भागलपुर नगर निगम में बड़ा घोटाला सामने आया है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। नगर निगम में ट्रेड लाइसेंस घोटाला सही साबित हुआ है। 30 से 35 लाख रुपये सरकारी खजाने में नहीं जमा किए गए हैं। जांच में जो बात सामने आई है, उसमें ट्रेड लाइसेंस से संबंधित रजिस्टर व आनलाइन में भारी अंतर देखा गया है।

सीनियर डिप्टी कलेक्टर शैलेंद्र कुमार सिंह के नेतृत्व में चल रही जांच में यह बात सामने आई है कि 30 से 35 लाख रुपये के चालान की इंट्री हुई ही नहीं है। नगर निगम से 2017 से अब तक के ट्रेड लाइसेंस की जांच की गई है। नगर निगम से संबंधित रजिस्टर मंगाकर ट्रेड लाइसेंस शाखा प्रभारी निरंजन मिश्रा और कंप्यूटर आपरेटर ज्ञानेन्द्र कुमार वर्मा के समक्ष जांच कराई गई। जांच के दौरान पता चला कि रजिस्टर में जो राशि अंकित है, वह कंप्यूटर में नहीं है। राशि में भी भारी अंतर है। रजिस्टर में कम राशि दर्शायी गई है। किसी-किसी मामले में राशि चढ़ाई भी नहीं गई है। रजिस्टर में कम संख्या में नाम है और कंप्यूटर में अधिक है।

पूर्व शाखा प्रभारी पर हो सकती बड़ी कार्रवाई

नगर निगम में ट्रेड लाइसेंस घोटाले के मामले में पूर्व शाखा प्रभारी (ट्रेड लाइसेंस) दिव्या स्मृति को निलंबित किया जा चुका है। दैनिक कर्मी कंप्यूटर आपरेटर गौतम कुमार साह को हटा दिया गया है। निलंबन के दौरान दिव्या निगम के अभिलेखागार में कार्यरत हैं। जांच के दौरान जो बात सामने आई है, उससे यही लग रहा है कि दिव्या पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है।

पार्षदों ने जांच की मांग की थी

निगम में लंबे समय से फर्जी ट्रेड लाइसेंस जारी कर राशि गबन करने का खेल चल रहा था। मामला उजागर होने के बाद निगम पार्षदों ने जांच के लिए हंगामा शुरू कर दिया था। इसके बाद निगम ने इस मामले में आंतरिक जांच शुरू कर दी। जांच के दौरान पूर्व शाखा प्रभारी दिव्या स्मृति से पूछताछ की गई। उनके हस्ताक्षर के नमूना को भी लिया गया, लेकिन दिव्या स्मृति जारी लाइसेंस पर अपने हस्ताक्षर से इंकार करती रही।

आठ सफाई कर्मियों की नहीं दी जानकारी

आठ सफाई कर्मियों के संबंध में सीनियर डिप्टी कलेक्टर शैलेंद्र कुमार सिंह ने नगर आयुक्त से एक बार फिर पूरी जानकारी मांगी है। सीनियर डिप्टी कलेक्टर ने पूर्व में भी लिखित और मौखिक जानकारी मांगी थी, लेकिन 15 दिन से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी निगम ने कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है। इन कर्मियों की नियुक्ति किसके आदेश पर हुई है, कब से उनकी नियुक्ति हुई है और उक्त कर्मी कहां प्रतिनियुक्त थे। निजी कार्य के लिए डेपुटेशन पर थे। निजी कार्य में कितने कर्मियों को लगाया गया था। वर्तमान में ये कहां कार्यरत हैं। उन्हें कब से कब तक का मानदेय दिया गया है। किसके आदेश पर इनकी प्रतिनियुक्ति की गई थी। पूरी जानकारी नगर आयुक्त से मांगी गई है। नगर निगम के पार्षदों ने आठ कर्मियों के संबंध में जिला प्रशासन से शिकायत की थी कि इनसे निजी कार्य लिया गया।

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