Sawan Somvar 2021: पहली सोमवारी आज, नहीं होगा गंगा स्नान और बाबा भोले का जलाभिषेक, कई निर्देश जारी
Sawan Somvar 2021 कोरोना के कारण कांवर यात्रा पर रोक लगी हुई है। सभी प्रमुख मंदिरों और गंगा घाटों पर मजिस्ट्रेट तैनात किया गया है। श्रद्धालु व्रत रखकर घर में कर सकेंगे पूजा-अर्चना रास्ते में रोकेगी पुलिस। मंदिरों में पूजा पाठ हो रहा है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। सावन की पहली सोमवारी को श्रद्धालु गंगा स्नान नहीं कर सकेंगे। ना ही मंदिरों में जाकर जलाभिषेक कर सकेंगे। कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर जिला प्रशासन ने इस पर पाबंदी लगा दी है। कांवर यात्रा पर भी रोक लगा दी गई है। श्रद्धालु सोमवारी व्रत कर घर में ही पूजा-अर्चना कर सकेंगे।
सोमवार को किसी भी नदी से कांवर यात्रा, शिव मंदिरों में जलाभिषेक, पूजा-अर्चना, श्रावणी मेला कार्यक्रम रोक लगा दी गई है। जिला प्रशासन ने सभी नदी घाटों एवं मंदिर परिसर की निगरानी के लिए पर्याप्त संख्या में मजिस्ट्रेट, पुलिस पदाधिकारी व पुलिस की प्रतिनियुक्ति की है। बूढ़ानाथ मंदिर, गोनूधाम मंदिर, आदमपुर शिव मंदिर, बटेश्वर स्थान शिव मंदिर, अजगैवी नाथ मंदिर की विशेष निगरानी के लिए मजिस्ट्रेट तैनात किए गए है। चोरी-छिपे जलाभिषेक करने व कांवर यात्रा करने वालों पर पुलिस की नजर रहेगी। सावन का महीना शुरू होने के बाद भी अजगवी नाथ धाम कांवरिया नहीं पहुंच रहे हैं। जबकि पूर्व के वर्षों में सावन के सात दिन पहले से कांवरियों का आना शुरू हो जाता था। जिला प्रशासन ने सुल्तानगंज गंगा घाट पर पुलिस की तैनाती कर दी है।
इस सावन चार सोमवार
सावन महीना रविवार से शुरू होकर रविवार को ही समाप्त हो जाएगा। इस सावन चार सोमवार पड़ रहा है। साथ ही इस बार सावन में कई विशेष योग भी बन रहे हैं। गुरु पूॢणमा के साथ ही सावन का पवित्र महीना शुरू हो गया है। पंडित राजेश मिश्र के अनुसार सावन के महीने में सोमवार को भगवान शिव की पूजा करने के साथ भगवान विष्णु की पूजा का भी विशेष फल मिलता है। सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से जीवन से सभी तरह की परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है।
सोमवार व्रत
भगवान शिव की करें आराधना -सावन महीने में सुबह जल्दी उठें और स्नान करके साफ कपड़े पहनकर भगवान शिव की पूजा करें। -पूजा स्थान की अच्छी तरह साफ-सफाई करें और वहां गंगाजल का छिड़काव करें। -घर में शिवलिंग बनाकर जल व दूध का अभिषेक करें। -भगवान शिव और शिवलिंग को चंदन का तिलक लगाएं। -भगवान शिव को सुपारी, पंच अमृत, नारियल, बेल पत्र, धतूरा, फल, फूल आदि अॢपत करें। -दीपक जलाएं और भगवान शिव का ध्यान लगाएं। -शिव कथा व शिव चालीसा का पाठ कर महादेव की आरती करें।